मुदरै – तमिलनाडु में सोमवार को जल्लीकट्टू के अलग-अलग आयोजनों में एक प्रतिभागी (सांड पर काबू करने वाला) सहित दो लोगों की मौत हो गई. हालांकि, इन मौतों और लोगों के घायल होने की घटनाओं के बावजूद जल्लीकट्टू के प्रति उत्साह कम नहीं ही हुआ है और प्रतिभागी हर बार छोड़े गए सांडों को काबू करने की कोशिश करते रहे.
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मौतों पर शोक व्यक्त करते हुए सांड को काबू करने के दौरान मारे गए पलामेडु (मदुरै) निवासी अरंिवद राज और पुडुकोट्टाई जिले में जल्लीकट्टू का आयोजन देखने के दौरान सांड के हमले में मारे गए एम अरंिवद के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं मृतकों के परिवार और मित्रों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. मैंने दोनों मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से तीन-तीन लाख रुपये देने का आदेश दिया है.’’ सांडों को काबू में करने के खेल जल्लीकट्टू के दौरान जिले के अवनियापुरम में सांडों को काबू करने वाले और उनके मालिक सहित कम से कम 75 लोग घायल हुए हैं जबकि पलामेडु में 34 और अन्य लोग घायल हुए हैं. दोनों आयोजन शाम को संपन्न हुए.
पलामेडु में पेशे से निर्माण मजदूर अरंिवद राज (26) को सांडों को काबू में करने का जुनून था और उसने नौ सांडों को काबू में कर भी लिया था, लेकिन जल्लीकट्टू के दौरान एक सांड के हमले में वह घायल हो गया जिससे उसकी मौत हो गई. घायल होने के बाद अरंिवद के पेट से खून निकल रहा था, इसके बावजूद उसने मैदान के अवरोधक पर अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश की ताकि सांड को काबू में किया जा सके लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.
खड़ा होने की कोशिश में अरंिवद मैदान में गिर गया जिससे जल्लीकट्टू के सह प्रतिभागियों और सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसर्किमयों की नजर उसपर गई. इसके तुरंत बाद अवरोधकों को खोल स्ट्रेचर के साथ वे अंदर गए और राज को तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां से उसे राजाजी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल रेफर कर दिया गया.
पलामेडु के वादीवसल (प्रवेश ंिबदु) से आज लगभग 800 सांड छोड़े जाएंगे, जिसमें सांड काबू करने वाले 335 लोग भाग ले रहे थे. अरंिवद राज प्रतिष्ठित मुख्यमंत्री कार पुरस्कार जीतना चाहता था लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. पलामेडु में एक पुलिस निरीक्षक और सांड को काबू में करने वाले 10 लोगों सहित कम से कम 34 लोग घायल हुए हैं.
पुलिस ने बताया कि तिरुचिरापल्ली जिले के सुरीयुर गांव में आयोजित जल्लीकट्टू देखने आए पुदुकोट्टाई के 25 वर्षीय एम अरंिवद की भी सांड के हमले में मौत हो गई. पलामेडु में अखाड़े से बाहर निकल रहे एक सांड मालिक ने सांड के हमले से बचने के लिए प्लास्टिक की कुर्सी का सहारा लिया. इस दौरान एक युवक सांड को काबू करने में चूक गया जिसके बाद मालिक ने सांड पर कुर्सी से हमला कर दिया, लेकिन कुर्सी ही टूट गई. हालांकि इस दौरान मालिक खुद को सांड के नुकीले सींगों से बचाने में सफल रहा. जल्लीकट्टू, पलामेडु जिले की बहुत ही र्चिचत प्रतियोगिता है.
वहीं, एक अन्य घटना में सांड को काबू कर रहे 10 युवकों को सांड ने उछाल दिया. सभी युवा सांड के कुबड़ को पकड़ने के लिए उसके पास पहुंचे थे लेकिन ताकतवर सांड ने गुस्से में अपने सिर को हिलाकर सभी को इधर-उधर फेंक दिया और पकड़े जाने से बच गया. इसके बाद सांड को विजेता घोषित कर दिया गया जिसके मालिक को पुरस्कार के रूप में चार ग्राम सोना मिला. पलामेडु में जल्लीकट्टू खेल का आयोजन मवेशियों को सर्मिपत मट्टू पोंगल के दिन किया गया.
वर्ष 2023 में पोंगल सत्र का पहला जल्लीकट्टू रविवार को अवनियापुरम में फसल उत्सव के पहले दिन आयोजित हुआ, जिसमें करीब 75 लोग घायल हुए थे. अधिकारियों के मुताबिक, प्रशासन द्वारा लगभग 20 घायलों को मौके पर ही उन्नत जीवनरक्षक सहायता प्रदान की गई.
अवनियापुरम में प्रतियोगिता में 737 सांडों को छोड़ा गया, जिसमें सांड काबू करने वाले 257 लोगों की भागीदारी देखी गई. सभी प्रतिभागियों का कोविड रोधी टीकाकरण किया जा चुका है और सभी की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव थी. राज्य के वाणिज्यिक कर मंत्री पी मूर्ति ने जल्लीकट्टू के आयोजन को झंडी दिखाकर शुरू किया. इस अवसर पर मदुरै के जिलाधिकारी एस अनीश शेखर भी उपस्थित थे.
इस खेल के दौरान जैसे ही सांडों को अखाड़े में छोड़ा गया, वैसे ही उन्हें काबू करने वाले लोगों में होड़ मच गई. सांडों के द्वारा बार-बार फेंके जाने के बाद भी पुरुषों ने हार नहीं मानी. इस दौरान सांडों और सांड को काबू करने वाले दृढ़ निश्चयी लोगों का संघर्ष देखने को मिला तथा इस वजह से पलामेडु ने पोंगल जल्लीकट्टू के उत्साह को बनाए रखा.
चिन्नापट्टी के तमिलरसन ने 23 सांडों को काबू में किया और उन्हें प्रथम पुरस्कार के तौर पर मुख्यमंत्री कार से सम्मानित किया गया. पलामेडु के मणि ने 19 सांडों को काबू में किया और उन्हें दूसरे पुरस्कार के रूप में दो पहिया वाहन दिया गया जबकि तीसरे स्थाल पर पलामेडु के राजा रहे जिन्होंने 15 सांडों को काबू किया. जिले में इस पांरपरिक खेल का अगला आयोजन मंगलवार को अलंगनाल्लुर में होगा.