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जोशीमठ में जमीन धंसने से जुड़ी याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से न्यायालय का इनकार

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दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से उत्पन्न संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिये अदालत के हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से मंगलवार को इनकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए ‘‘लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई संस्थाएं’’ हैं और सभी महत्वपूर्ण मामले उसके समक्ष नहीं आने चाहिए।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने जोशीमठ के अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा दायर याचिका को 16 जनवरी को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया। स्वामी सरस्वती की ओर से पेश अधिवक्ता परमेश्वर नाथ मिश्रा ने याचिका का उल्लेख किया और तत्काल आधार पर सुनवाई के लिए बुधवार को इसे सूचिबद्ध किए जाने का अनुरोध किया।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ हर जरूरी चीज हमारे पास नहीं आनी चाहिए। इस पर गौर करने के लिए लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संस्थाएं हैं। हम इसे सुनवाई के लिए 16 जनवरी को सूचीबद्ध करेंगे।’’ वकील ने सोमवार को भी तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए याचिका का उल्लेख किया था।

पीठ ने कहा, ‘‘नियत प्रक्रिया का पालन करने के बाद मंगलवार को फिर से उल्लेख करें जब आपका मामला उल्लेख सूची में हो।’’ याचिकाकर्ता सरस्वती ने दावा किया है कि यह घटना बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण हुई है और उन्होंने उत्तराखंड के लोगों के लिए तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजे की मांग की है।

याचिका में इस चुनौतीपूर्ण समय में जोशीमठ के निवासियों को सक्रिय रूप से समर्थन देने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है, ‘‘मानव जीवन और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी भी विकास की जरूरत नहीं है और अगर ऐसा कुछ भी होता है, तो उसे युद्ध स्तर पर तत्काल रोकना राज्य और केंद्र सरकार का दायित्व है।’’
बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली का प्रवेश द्वार कहलाने वाला जोशीमठ जमीन धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। जोशीमठ में जमीन धीरे-धीरे धंस रही है और घरों, सड़कों और खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि कई घर धंस गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने जोखिम वाले घरों में रह रहे 600 परिवारों को तत्काल वहां से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया है।