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करोड़पति बनने इस IAS ने किए 152 करोड़ रुपए का घोटाला, इन तीन कारोबारियों के भी नाम शामिल

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रायपुर  – बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपैया.. ये भले ही एक कहावत है, लेकिन मनीलॉन्ड्रिग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जो खुलासा किया है। छत्तीसगढ़ में हड़कंप मच गया है। शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश अजय कुमार राजपूत की अदालत में चालान पेश किया, इसमें बताया गया है कि 152 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। 250 पन्नों के मुख्य चालान के साथ 8000 पन्नों का दस्तावेजी साक्ष्य पेश किया गया है। इसमें बताया गया है कि किस तरह से संयुक्त रूप से मिलकर वसूली चल रही थी। इस घोटाले का मुख्य आरोपी आईएएस अधिकारी है।

निलंबित आईएएस समीर विश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी और सूर्यकांत तिवारी द्वारा संयुक्त रूप से घोटाला किया गया है। ईडी के विशेष लोक अभियोजक सौरभ पांडेय द्वरा पेश किए गए चालान में सभी की भूमिका को विस्तृत रूप से बताया गया है कि किस तरह से समीर द्वारा खनिज के परिवहन, आवंटन, डिलीवरी ऑर्डर को ऑनलाइन से ऑफलाइन किया गया।
ईडी के खिलाफ विशेष कोर्ट में एक परिवाद दायर किया गया है। भिलाई के किसान दीपेश टाक की ओर से उनके अधिवक्ता आदित्य वर्मा की ओर से इसे लगाया गया है। इसमें बताया गया है कि उसके पक्षकार के साथ ईडी मारपीट कर प्रताड़ित कर रही है। साथ ही अपने मनमुताबिक बयान देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
उसे सिर्फ इसलिए ईडी परेशान कर रही क्योंकि काफी समय पहले उसके द्वारा सौम्या चौरसिया का मां शांति और भाई अनुराग चौरसिया को एक जमीन बेची थी। यह आपसी सहमति से हुआ था। लेकिन, ईडी आरोप लगा रही है कि मनीलॉन्ड्रिग के जरिए कच्चे में रकम का हस्तांतरण हुआ है जबकि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई थी। इस बात को लेकर ईडी उसके पक्षकार पर दबाव बना रही है कि वह सौम्या चौरसिया के खिलाफ बयान दें, जबकि वह सौम्या से कभी मिला ही नहीं है। न ही उसे पहचानता है।
उसके पक्षकर को ईडी डरा धमका रही है। इसकी शिकायत भिलाई के स्मृति नगर स्थित पुलिस चौकी में कराई गई है। साथ ही कोर्ट में शपथपत्र के साथ परिवाद पेश किया गया है। ईडी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है। फिलहाल कोर्ट ने परिवाद को स्वीकार कर लिया है। इसकी सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
सौम्या ने भी लगाया आवेदन
सौम्या चौरसिया की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा लगाए गए आवेदन में ईडी पर आरोप लगाया गया है कि वह कार्रवाई की सूचना बाहर तक पहुंचा रही है जो उचित नहीं है। कोर्ट इस मामले में शनिवार को सुनवाई करेगी।