नई दिल्ली – जनधन योजना के अंतरगर्त लोगों के बैंक खाते खोल कर सरकार जनता को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करने लगी। इसके बाद यूपीआई और रूपे कार्ड ने पैसे ट्रांसफर करना चुटकियों का खेल बना दिया।
साथ ही केशलेश भारत की और जनता बढ़ने लगी। लोगों ने अपने बटुए में कैश रखना कम कर दिया और एटीएम का प्रयोग भी सीमित हो गया ऐसे में अमेरिका के मास्टर और वीजा कार्ट को भारत के बाजार में तगड़ा झटका लगा है। भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लगातार अपने कदम आगे बढ़ा रहा हैं। इसी कड़ी में एक कदम और उठाया जा रहा हैं। लंबे समय से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल रुपया लेकर आने की बात कर रहा था।
इसे लेकर पॉलिजी बनाई जा रही थी। अब डिजिटल रुपया आखिरकार एक वास्तविकता बन रहा है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे लॉन्च करने की घोषणा की है। आरबीआई का कहना है कि ई-रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करेगा। इसे पहले पायलट आधार पर लॉन्च किया जाएगा। हालाँकि, यह अभी नियमित उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं होगा। पायलट बंद उपयोगकर्ता समूह (सीयूजी) में चुनिंदा स्थानों पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें ग्राहक और व्यापारी दोनों शामिल हैं। अगर यह व्यवस्था कारगर रही तो नोटो कों छापने वाला पैसा जनता के लिए बनाई जा रही अन्य योजनाओं नें लगाया जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डिजिटल रुपये के खुदरा इस्तेमाल से संबंधित पहला पायलट परीक्षण एक दिसंबर को करेगा जिसमें सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के चार बैंक शामिल होंगे। आरबीआई ने मंगलवार को जारी बयान में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के खुदरा उपयोग संबंधी पायलट परीक्षण की घोषणा की। आरबीआई ने कहा कि एक दिसंबर को बंद उपयोगकर्ता समूह (सीयूजी) में चुनिंदा जगहों पर यह परीक्षण किया जाएगा। इसमें ग्राहक एवं बैंक मर्चेंट दोनों शामिल होंगे। इसके पहले केंद्रीय बैंक डिजिटल रुपये के थोक खंड का पायलट परीक्षण कर चुका है। एक नवंबर को डिजिटल रुपये के थोक खंड का पहला पायलट परीक्षण हुआ था।
डिजिटल रुपये के खुदरा उपयोग के इस परीक्षण में भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत चार बैंक शामिल होंगे। यह परीक्षण दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में किया जाएगा। आरबीआई ने कहा, ”इलेक्ट्रॉनिक रुपया एक डिजिटल टोकन के स्वरूप में होगा जो एक वैध मुद्रा का प्रतिनिधित्व करता है। इसे इस समय जारी होने वाली कागजी मुद्रा एवं सिक्कों के मौजूदा आकार में ही जारी किया जाएगा।”
डिजिटल रुपये को बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा और उपयोगकर्ता पायलट परीक्षण में शामिल होने वाले बैंकों की तरफ से पेश किए जाने वाले डिजिटल वॉलेट के जरिये ई-रुपये में लेनदेन कर पाएंगे। यह लेनदेन पी2पी और पी2एम दोनों को ही किए जा सकेंगे। आरबीआई ने कहा कि यह डिजिटल रुपया परंपरागत नकद मुद्रा की ही तरह धारक को भरोसा, सुरक्षा एवं अंतिम समाधान की खूबियों से भी लैस होगा।