रायपुर – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को बस्तर और कांकेर दौरे पर थे. इस दौरान वे बस्तर दशहरा कार्यक्रम के तहत आयोजित मुरिया दरबार में शामिल हुए. जिसके बाद वे कांकेर के लिए रवाना हुए. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ग्रामीणों और आमजनों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. संभवत: इसी बीच, उनकी मुलाकात एक बुजुर्ग से हुई. सीएम ने उनसे बातें की और उनका कुशलक्षेम जाना. इस बीच बुजुर्ग ने अपनी उम्र 1 डॉलर बताई.
इस बीच भूपेश बघेल ने बुजुर्ग से पूछा- कि दादा आपकी उम्र क्या है ? इसके जवाब में उन्होंने (बुजुर्ग) बताया- 1 डॉलर. इतने में पीछे खड़े उनके पोते ने बताया, कि दादा जी 82 वर्ष के हो गए हैं. सीएम ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है.
बता दें पिछले कुछ सालों में रुपया की कीमत लगातार गिरी है. वहीं अमेरिकी डॉलर लगातार बढ़ा है. आज की स्थिति में अमेरिकी डॉलर की वैल्यू भारत के मुकाबले कई ज्यादा है. यानी 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत भारत के 82 रुपये के बराबर है. संभवत: सीएम के पूछने पर बुजुर्ग द्वारा इस सलीके में जवाब देने को, भारतीय रुपये के गिरते मूल्य पर एक तंज के तौर पर देखा जा सकता है.
कैसे तय होती है करेंसी की वैल्यू ?
किसी भी देश की करेंसी की कीमत अर्थव्यवस्था के प्रारंभिक सिद्धांत, डिमांड और सप्लाई पर निर्भर होती है. या ये कहा जा सकता है कि इन्हीं के आधार पर तय होती है. फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में जिस करेंसी की डिमांड ज्यादा होती है उसकी कीमत भी ज्यादा होती है. जिस करेंसी की डिमांड कम होगी उसकी कीमत भी कम होती है. सरकारें करेंसी के रेट को सीधे प्रभावित नहीं कर सकती हैं.
डॉलर इतना महंगा क्यों ?
यदि हम अर्थव्यवस्था की बेसिक सिद्धांत को मानें तो इस हिसाब से डॉलर की डिमांड ज्यादा है. इसका प्रमुख कारण है कि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमत डॉलर में तय होती है. भारतीय रुपये की बात करें तो भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है. जिसका भुगतान भी डॉलर में होता है और डॉलर के महंगा होने से रुपया ज्यादा खर्च होता है. तो ये भी भारतीय रुपये के कमजोर होने का एक कारण हो सकता है. बता दें कि 2013 डॉलर की वैल्यू 58 रुपये के आसपास थी.