रायपुर – किसान महाबइठका आयोजक कमेटी के संयोजक तेजराम विद्रोही और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मेहनतकश मजदूर किसान और आम जनता को चुनावी वायदों में उलझाया गया है. उनके द्वारा किए गए वायदे आज तक अधूरे हैं.
किसानों का आर्थिक हालत बद से बदतर
उन्होंने कहा कि किसानों को राहत मिलने के बजाय उनके सामने फसल उत्पादन करने से लेकर अपनी फसल का वाजिब दाम पाने के लिए लगातार संकट गहराते जा रहें हैं. खाद, बीज और दवाईयों के दामों में बढ़ौतरी ने किसानों का आर्थिक हालत बद से बदतर कर दिया है.
21 अक्टूबर को होगी किसानों की महाबइठका
ऐसे परिस्थिति में कृषि और किसानों की वर्तमान हालत और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी जरुरी क्यों है, इस संबंध में व्यापक चर्चा, किसानों की एकजूटता और आगामी रणनीति के लिए छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ (संयुक्त किसान मोर्चा) के बैनर तले 21 अक्टूबर 2022 दिन शुक्रवार को दिन के 10 बजे से शाम 5 बजे तक कृषि उपज मंडी महासमुंद में किसान महाबइठका का आयोजन किया गया है.
केंद्र सरकार से मांग
1. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी फसलों का लागत से डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हो.
2. सभी कृषि उपजों को बारहों माह न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की कानूनी गारंटी दो.
3. प्रधानमंत्री किसान सम्मान राशि का लाभ सभी किसानों को अनिवार्य रूप से प्रदान किया जाए.
4. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को प्रदान किया जाए और सभी बकाया किस्त की राशि तत्काल प्रदान की जाए.
5. यूरिया, डीएपी जैसे सभी प्रकार की खाद की उपलब्धता बढ़ाई जाए और कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए.
राज्य सरकार से मांग
1. सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों का दाना-दाना धान खरीदी किया जाए.
2. भाजपा सरकार की दो साल का धान का बोनस किसानों को प्रदान किया जाए.
3. चिटफंड कंपनियों से किसान, मजदूर और आम अभिकर्ता / निवेशकों की राशि वापस दिलाया जाए.
4. छत्तीसगढ़ में किसान आयोग का गठन किया जाए और राजधानी व जिला स्तर में किसान भवन का निर्माण किया जाए.
5. राईस मिलरों द्वारा किसानों से खरीदे गए धान की बकाया भुगतान शीघ्र किया जाए.
6.प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत बकाया सभी किस्त हितग्राहियों को शीघ्र प्रदान की जाए ताकि अधूरे आवास का निर्माण पूरा किया जा सके और योजना से वंचित गरीब किसान मजदूरों को आवास के लिए स्वीकृति प्रदान किया जाए.
7 . ऋणी और अऋणी सभी किसानों को सहकारी समितियों में खाद की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराई जाए.