बिलासपुर – बिलासपुर में अंडरब्रिज बनाने की मांग को लेकर लोगों ने DRM ऑफिस का घेराव कर दिया। रैली लेकर नारेबाजी करते हुए पहुंची भीड़ ने जमकर हंगामा मचाया। उन्होंने कहा कि शहर से जुड़े सिरगिट्टी एरिया नगर निगम में आता है।यहां के लोगों के साथ ही आसपास के 15 गांव के लोग ओवरब्रिज नहीं होने से शहर से कट गए हैं। अंडरब्रिज नहीं होने के कारण ही यहां रेलवे लाइन में 17 लोगों की जान भी चली गई थी। ऐसे में उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि रेलवे हमें जनआंदोलन के लिए बाध्य न करें और शीघ्र अंडरब्रिज का निर्माण करे।
दरअसल, तारबाहर- सिरगिट्टी में रेलवे ने हादसे के बाद अंडरब्रिज का अधूरा निर्माण किया है। रेलवे लाइन के आधे हिस्से में अंडरब्रिज नहीं होने के कारण यहां से आने-जाने वाले लोगों को परेशानी होती है और उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है। यही वजह है कि सिरगिट्टी क्षेत्र के लोग पिछले तीन दिन से अंडरब्रिज एक्सटेंशन की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया और आज DRM ऑफिस का घेराव कर दिया।
अधूरे अंडब्रिज निर्माण पूरा करने दिया भरोसा
इस दौरान भीड़ ने जमकर नारेबाजी की और हंगामा मचाया। उन्होंने बताया कि 2012 में सिरगिट्टी में अंडरब्रिज का आधा-अधूरा निर्माण किया गया है। भीड़ ने रेलवे के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अंडरब्रिज को पूरा करने की मांग की। उन्हें रेलवे के अफसरों ने दो-तीन दिन के भीतर टेंडर जारी करने का भरोसा दिलाया है।
अब करेंगे रेल रोको आंदोलन
DRM ऑफिस पहुंचे लोगों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही स्थानीयजन और आसपास के गांव के लोग शामिल थे। उन्होंने कहा कि रेलवे के ढुलमूल रवैए के कारण ही यह स्थिति बनी है। रेलवे के अधिकारी अब उनकी मांग को गंभीरता से नहीं सुनेंगे और अंडरब्रिज नहीं बनाएंगे तो सभी लोग मिलकर रेल रोको आंदोलन करेंगे।
हस्ताक्षर अभियान को सांसद, मेयर समेत 15 हजार लोगों ने दिया समर्थन
इससे पहले स्थानीय लोगों ने मिलकर एक्सटेंशन की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था। तीन दिन तक चले इस अभियान में 15 हजार लोगों ने हस्ताक्षर किया है, जिसमें BJP प्रदेश अध्यक्ष व सांसद अरूण साव और मेयर रामशरण यादव सहित जनप्रतिनिधियों ने भी समर्थन किया है। वहीं, सांसद अरूण साव ने DRM से चर्चा भी की थी और अंडरब्रिज बनाने के निर्देश दिए थे।
17 लोगों की मौत के बाद बना था अंडरब्रिज
तारबाहर- सिरगिट्टी रेलवे फाटक में साल 2011 में ट्रेन की चपेट में आने से 17 लोगों की मौत हो गई थी और आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे। दरअसल, यहां अंडरब्रिज नहीं होने के कारण लोग रेलवे फाटक क्रास कर आना-जाना करते थे।
जिस समय यह हादसा हुआ, तब फाटक बंद थी और लोग बाइक-साइकिल और पैदल रेलवे ट्रैक पर खड़े थे। एक साथ दो गाड़ी ट्रैक से निकल रही थी। उसी समय जिस लाइन पर लोगों की भीड़ खड़ी थी। उसी ट्रैक पर अचानक गाड़ी आ गई, जिससे यह हादसा हुआ। इस हादसे के बाद रेलवे ने यहां आधी लाइन में अंडरब्रिज बनाया है। वहीं आउटर की लाइन में अभी भी लोगों को रेलवे क्रासिंग पार करना पड़ता है।