रायपुर – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद धमतरी के रविशंकर सागर जलाशय-गंगरैल डैम से नहरों में पानी छोड़ दिया गया है। इससे धमतरी, रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है। इन क्षेत्रों में किसान कम वर्षा की वजह से परेशानी से जूझ रहे हैं।
बताया जा रहा है, अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू और धरसींवा विधायक अनिता शर्मा ने मुख्यमंत्री से मिलकर नहरों में पानी छोड़ने की मांग की थी। उनका कहना था कि उनके क्षेत्र में कम वर्षा की वजह से खरीफ की बोवनी पिछड़ रही है। जल्दी ही पानी नहीं मिला तो फसल खराब हो जाएगी। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने नहरों में पानी छोड़ने की अनुशंसा की। जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उईके ने बताया, अभी गंगरेल बांध में पर्याप्त जलभराव है। ऐसे में सिंचाई के लिए पानी छोड़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अधिकारियों ने शुक्रवार को ही शाम 4 बजे के बाद नहरों के लिए गेट खोल दिया। बताया जा रहा है, एक-दो दिनों के भीतर इन क्षेत्रों में किसानों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई का पानी उपलब्ध हो जाएगा।
इन क्षेत्रों में जाती हैं गंगरेल की नहरें –अधिकारियों ने बताया, गंगरेल बांध की नहर से रायपुर के आरंग, धरसींवा, बलोदा बाजार -भाटापारा में लवन, पलारी और धमतरी क्षेत्र के फसलों की सिंचाई होती है। छत्तीसगढ़ में औसत सामान्य बरसात के बाद भी रायपुर उन जिलों में है जहां सामान्य से कम बरसात हुई है। उसमें भी आरंग और धरसींवा तहसीलों में स्थिति गंभीर है।
पिछले सप्ताह खोले गए थे गेट धिकारियों ने बताया, गंगरेल डैम इस समय लबालब स्थिति में है। पिछले सप्ताह ही 94% से अधिक जलभराव हो गया था। उसके बाद बांध के 14 गेट खोल दिए गए। बांध में अभी भी जलभराव तेज है। बताया जा रहा है कि गंगरेल बांध के 14 गेट इससे पहले