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पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश ने पदयात्रा कर लौटे सैनी का किया सम्मान

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कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी से जगन्नाथ मंदिर पूरी तक 600 किमी की पदयात्रा कर लौटे

नवापारा-राजिम निवासी कृष्ण कुमार सैनी का आज रायपुर के आवंति विहार कॉलोनी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी और मंदिर के संरक्षक पुरंदर मिश्रा के नेतृत्व में शाल एवं श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया गया। इस दौरान गरियाबंद क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में नेता और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने सैनी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने एक बड़ा सराहनीय कार्य किया है। उनकी पदयात्रा की जितनी सराहना की जाए उतना कम है। उन्होंने प्रदेश की सुख समृद्धि एवं खुशहाली के लिए यह पदयात्रा की है। भगवान जगन्नाथ एवं माता कौशल्या निश्चित ही उनकी मनोकामना पूर्ण करेंगे। उनकी इस पदयात्रा से युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी।

वही मंदिर के संरक्षक पुरंदर मिश्रा ने सैनी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए अगले वर्ष इसी मंदिर से जगन्नाथ पुरी तक कि पदयात्रा करने का संकल्प सैनी से लिया। इस दौरान आदिवासी कांग्रेस प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष जनक ध्रुव, पूर्व महामंत्री जिला कांग्रेस कमेटी रायपुर डीके ठाकुर, जिला पंचायत सदस्य मधुबाला रात्रे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता नीरज ठाकुर, आदिवासी कांग्रेस प्रकोष्ठ प्रदेश सचिव कालूराम ध्रुव, फिंगेश्वर नगर पंचायत उपाध्यक्ष रूखमणी मांडले, जिला महामंत्री अजाक भागचंद चतुर्वेदी, किशोरचंद्र नायक, अजय सेवता, हेमेन्द्र राव,आदिवासी कांग्रेस प्रकोष्ठ के रायपुर शहर अध्यक्ष भवानी मरकाम एवं युवा नेता देवेन्द्र साहू उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि सैनी ने रायपुर से लगे चंदखुरी के माता कौशल्या मन्दिर से रथयात्रा के दिन 01 जुलाई दोपहर 02 बजे अपनी पदयात्रा शुरू की थी जो 10 दिन पैदल चलने के बाद 11 जुलाई को सुबह 10 बजे ओडिसा के जगन्नाथ धाम पहुंचकर सम्पन्न हुई। इस दौरान उन्होंने 10 दिन मे कुल 603 किमी की दूरी तय की है। इसके लिए उन्होंने 107 घंटे 17 मिनट 10 सैकिंड का समय लिया और कुल 7,91,,774 कदम चलने पड़े। सैनी ने बताया कि वे जल्द ही पदयात्रा से जुड़े समस्त प्रमाण इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड को भेज दिए है। उन्होंने अपनी इस पदयात्रा को जल्द ही इंडिया बुक रिकॉर्ड में दर्ज होने की उम्मीद जताई है। पिछले महीने ही 12-जून को राजिम महामाया मंदिर से डोंगरगढ़ बम्लेश्वरी मंदिर तक 140 किमी की पदयात्रा कर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा चुके है।

सैनी ने बताया कि 10 दिन में 600 किमी की पदयात्रा करना उनके लिए इतना आसान नही था। कभी बारिश तो क़भी भारी उमस ने उनकी राह को कठिन करने की कोशिश की, बौध और नयागढ़ जिले की पहाड़ियां एव बीच रास्ते मे पड़ने वाले जंगल भी बड़ी चुनौती रही मगर उन्होंने हार नही मानी और विषम परिस्तिथियों में भी सफलता हासिल है।

सैनी ने बताया कि 10 जुलाई का दिन उनकी पदयात्रा का सबसे कठिन दिन रहा। एक तो उस दिन उनका 60 की बजाय 65 किमी की पदयात्रा का लक्ष्य था। दूसरा उस दिन का रास्ता भी ठीक नही था। यही नही उस रात उन्होंने सड़क पर गुजारनी पड़ी। क्योकि उस रात उन्होंने पूरी से 22 किमी पहले साक्षीगोलाल में रुकना था लेकिन पूरी में विशेष कार्यक्रम होने के कारण कोई होटल खाली नहीं मिला।