सुनील खोब्रागढे (ब्यूरो प्रमुख)
बालाघाट-मध्य प्रदेश शासन, आदिम जाति कल्या ण विभाग मंत्रालय भोपाल के निर्देशों के के तहत् ‘’एक परिसर एक शाला’’ योजना के अंतर्गत एक ही परिसर में संचालित आश्रम शालाओ, प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हॉयर सेकेण्डरी स्कूल को एकीकृत विद्यालय के रूप में संचालित किया जाना है । शासन के द्वारा जारी एक परिसर एक शाला के दिशा निर्देशो के अनुरूप जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा के आधार पर कलेक्टर द्वारा जनजातीय कार्य विभाग की एक परिसर में संचालित शिक्षण संस्थाओ को उस परिसर में स्थित वरिष्ठ स्तर की शाला को एंकर शाला घोषित कर उस परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओ का एकीकरण वरिष्ठ शाला (एंकर शाला) के अंतर्गत कर दिया गया है।
एकीकृत शालाओ के वरिष्ठ प्राचार्य / प्रधानाध्यापक एक परिसर में स्थित एकीकृत शाला के प्राचार्य / प्रधानाध्यापक का कार्य करेंगे । एकीकृत परिसर के समस्त विद्यालयों का अमला एकीकृत शाला के वरिष्ठ प्राचार्य / प्रधानाध्यापक के प्रशासकीय नियंत्रण में कार्य करेगा । एक परिसर एक शाला से संबंधित शासन के 10 दिसंबर 2020 के दिशा निर्देश के अनुसार एकीकृत शाला का नामकरण किया जायेगा एवं परिसर की समस्त शालाओ का एकीकृत डाईस कोड होगा। एकीकृत शाला के प्रबंधन हेतु शाला प्रबंध परिषद का गठन प्राचार्य द्वारा किया जायेगा । एकीकृत शाला के लेखा की व्यवस्था शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार होगी, जिसके अंतर्गत एकीकरण उपरांत मुख्य शाला का बैंक खाता संचालित किया जायेगा तथा शेष विलय की गई शालाओ के खाते बंद किया जाकर उनमें वर्तमान में उपलब्ध राशि को एकीकृत शाला के मुख्य खाते में अंतरित किया जायेगा । एकीकृत विद्यालय की कैश बुक में विलय होने वाली शालाओ से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है इसका उल्लेख किया जायेगा ।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और संबंधित प्राचार्य एवं प्रधानाध्यापक को मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के दिनांक 10 दिसंबर 2020 में दिये गये दिशा निर्देशों के अनुरूप एकीकृत शाला का संचालन करने कहा गया है।