सुप्रीम कोर्ट में आज शाहीन बाग प्रदर्शन को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने कहा कि लोगों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन उन्हें निर्दिष्ट क्षेत्र में ही प्रदर्शन करना होगा। वहीं प्रदर्शनकारियों को हटाने के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही अब कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को करेगी।
कोर्ट ने इस पर केंद्र से जवाब मांगते हुए कहा कि वह दूसरे पक्ष को सुने बगैर शाहीन बाग को लेकर कोई निर्देश नहीं देगा। कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी सड़क बंद नहीं करें और न ही दूसरों के लिए असुविधा पैदा कर सकते है।
न्यायमूर्ति एस के कौल और एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि ‘एक कानून है और लोगों की उसके खिलाफ शिकायत है। मामला अदालत में लंबित है। इसके बावजूद कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें प्रदर्शन का अधिकार है।’
बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में करीब दो महीने से प्रदर्शन चल रहा है। भाजपा नेता ने सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की याचिका दाखिल किया है। जिसमें मांग संबंधी याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील की है।
इसके साथ ही 35 छात्रों ने हाईकोर्ट में शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शन के चलते बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में छात्रों को काफी परेशानी आ रही है। फिलहाल आज हुई मामले की सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तारीख तय की है।