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किसका किससे है मुंडका विधानसभा में आमना-सामना, जनता की क्या है मांग और क्या है यहां के असल मुद्दे.. जानिए

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दिल्‍ली की 70 विधानसभा सीटों में मुंडका भी प्रमुख सीट है। दिल्‍ली उत्‍तर पश्चिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्‍सा यह क्षेत्र 2008 में विधानसभा क्षेत्र बनाया गया। परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद यहां 2008 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा के मनोज कुमार को जीत हासिल हुई। मनोज ने कांग्रेस के प्रेम चंदर कौशिक को हराया था। 2013 में यहां के दूसरे चुनाव में निर्दलीय प्रत्‍याशी रामबीर शौकीन ने भाजपा के हाथ से यह सीट छीन ली। 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के सुखवीर सिंह ने भाजपा के आजाद सिंह को हराकर यहां से विधानसभा पहुंचे।

प्रत्याशी आमने-सामने

आम आदमी पार्टी ने मुंडका से अपना प्रत्याशी बदल दिया है। निवर्तमान विधायक सुखबीर सिंह की जगह धर्मपाल लाकरा को मैदान में उतारा गया है। बीजेपी ने आजाद सिंह पर भरोसा किया है तो कांग्रेस से इस सियासी जंग में नरेश कुमार को भेजा है।

हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर स्थित मुंडका विधानसभा क्षेत्र जाट और पिछड़ा वर्ग बहुल है। इस सीट के साथ झज्जर जिला लगता है, जो जाटों का गढ़ है. इसलिए यहां के चुनाव में हरियाणवीं टच रहता है। इसमें 21 गांव 106 कालोनियां हैं। आउटर पर होने की वजह से इस क्षेत्र के विकास पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है। अनधिकृत कालोनियों के लोग सीवर, पानी की सुविधाओं से वंचित हैं। बारिश के दिनों में रोहतक रोड पर जलभराव की समस्या से निवासी लंबे समय से जूझते रहे हैं। इस रोड पर जाम की भी बड़ी समस्या है। कई कालोनियों में गलियां टूटी हैं। जेजे कालोनी के लोग पीने के लिए पानी के टैंकर पर आश्रित हैं। इसके बावजूद केजरीवाल की 200 यूनिट फ्री बिजली, पानी और महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा माहौल बनाए हुए है।

पानी की समस्या इस विधानसभा का बड़ा मुद्दा है। पाइपलाइन का अभाव है। अनधिकृत कॉलोनियां ज्यादा होने के कारण सफाई व्यवस्था भी बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती।

कालोनियां वैध करना का बड़ा मुद्दा

मुंडका विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद बनाई गई. इसमें बवाना, हस्तसाल व नांगलोई जाट क्षेत्र के कुछ हिस्से शामिल किए गए. विधानसभा क्षेत्र में 40 फीसदी से अधिक अनधिकृत कालोनियां हैं। इसलिए कालोनियों को पक्का करने का मुद्दा बड़ा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र भी कम नहीं है. 30 परसेंट से अधिक ग्रामीण क्षेत्र है। कंझावला, नांगलोई पश्चिमी, मुंडका, कराला, मजरी, चंद्र विहार, मदनपुर, घेवरा, निजामपुर, जेजे कॉलोनी कैंप आदि प्रमुख क्षेत्र हैं। अनधिकृत कालोनियों को लेकर मोदी सरकार ने जो निर्णय लिया है उसका लाभ बीजेपी प्रत्याशी को मिलने की उम्मीद है। लेकिन 200 यूनिट फ्री बिजली, फ्री पानी और बसों में महिलाओं की फ्री यात्रा वाली स्कीम को हथियार बनाकर आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार भी लोगों को रिझाने में जुटा हुआ है।

मुंडका विधानसभा में वोटर्स

2015 के विधानसभा चुनाव में मुंडका सीट पर 2,61,194 वोटर्स हैं जिसमें 1,42,294 पुरुष और 1,18,872 महिला वोटर्स थे जबकि 28 मतदाता थर्ड जेंडर से थे। तब के चुनाव में 2,61,194 मतदाताओं में से 1,64,632 मतदाता यानि 62.8 फीसदी वोटर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। 576 मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में वोट डाला था।

पिछले विधानसभा चुनाव में दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की लहर चली और उनकी अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल कर नया कीर्तिमान रच दिया था। 67 सीटों में मुंडका सीट भी शामिल है जहां उसे जीत मिली। आम आदमी पार्टी के सुखवीर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आजाद सिंह को 40,826 मतों के अंतर से हरा दिया।