नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश में मचे बवाल के बीच एक और बहस शुरू हो गई है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने नागरिकता कानून को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने एक प्रस्ताव तैयार चल रही है। जिसे लेकर फिर से विरोध शुरू हो गया है।
खबर है कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में लखनऊ यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र विभाग की ओर से डिबेट आयोजित करेगी। जिसमें नागरिकता संशोधन कानून लेकर चर्चा होगी। इस डिबेट में शामिल होने के लिए कई कॉलेजों के छात्रों को बुलाया गया है।
इस मामले में राजनीति शास्त्र के हेड ऑफ डिपार्टमेंट शशि शुक्ला ने बताया कि सीएए इस समय देश में सबसे बड़ा सम-सामयिक विषय है इसलिए लोगों को जागरूक करना है। इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प छात्र-छात्राएं ही हैं।
उन्होंने बताया कि सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे और इसे बोर्ड में प्रस्ताव के रूप में रखेंगे। पास हो जाने पर इसे एकेडमिक (अकादमिक) काउंसिल के पास भेजा जाएगा। वहां से पास हो जाने पर इसकी पढ़ाई शुरू होगी। वहीं फरवरी के दूसरे सप्ताह में होने वाली वाद-विवाद प्रतियोगिता में सीएए पर चर्चा कराई जाएगी।