अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला अगले हफ्ते आने की संभावनाओं के बीच हिंदू तथा मुस्लिम धर्मगुरुओं ने समाज के सभी वर्गों से इस फैसले का सम्मान करने और शांति बनाए रखने की अपील की है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने शुक्रवार को बातचीत में कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला जल्द आने वाला है और जैसा कि हम शुरू से ही संविधान के दायरे में रहते आए हैं, अत: हम सभी को ऐसा कोई भी मुशायरा या प्रदर्शन नहीं करना चाहिए जिससे किसी के मजहबी जज्बात को ठेस पहुंचे।
उन्होंने कहा कि अयोध्या का मामला बेहद संवेदनशील है और न सिर्फ हिंदुस्तान बल्कि पूरी दुनिया की नजरें इस बारे में आने वाले फैसले पर टिकी हैं। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इसके किसी भी फैसले का पूरा सम्मान करें। मौलाना खालिद ने कहा कि मुस्लिम समुदाय से अपील है कि वह घबराएं नहीं और न्यायपालिका पर विश्वास बनाए रखें।
इस बीच ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मुल्क के तमाम मुसलमान संविधान और न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं और यही वजह है कि मुस्लिम रहनुमा शुरू से ही कहते आए हैं कि अदालत का जो भी फैसला होगा उसे वह स्वीकार करेंगे।
उन्होंने कहा कि फैसले वाले दिन और उसके बाद ना तो मुसलमान ‘अल्लाह हू अकबर’ के और ना ही हिंदू ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाएं ताकि माहौल शांतिपूर्ण बना रह सके। अब्बास ने कहा कि लोगों को विकास और आम जनता से जुड़े दूसरे मुद्दों के बारे में बात करनी चाहिए और धार्मिक जज्बात को भड़काने वाली तमाम बातों से दूर रहना चाहिए।
लखनऊ के दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर के पुरोहित सर्वेश शुक्ला ने कहा कि वह समाज के सभी वर्गों से सिर्फ यह अपील करना चाहते हैं कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करें। लोगों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह ऐसा कोई काम ना करें जिससे दूसरों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे।
उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि अयोध्या मामले में जो भी फैसला होगा, देश उसे खुले दिल से स्वीकार करेगा। लखनऊ के कैथोलिक डायोसियस के चांसलर फादर डोनाल्ड डिसूजा ने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं और यहां कानून सबके लिए बराबर है अत: सभी को अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा ”इसी को संस्कार कहते हैं।” मालूम हो कि अयोध्या में विवादित स्थल के मालिकाना हक को लेकर चल रहे मुकदमे में सुनवाई पिछले महीने पूरी हो चुकी है और माना जा रहा है कि आगामी सप्ताह के दौरान इस मामले में निर्णय आ जाएगा।