भारत सरकार (Central Government) की पहल के बाद से भारत में प्लास्टिक बैन (Single Use Plastic) होती नज़र आ रही है. इसका फायदा गोल्ड फाइबर कहे जाने वाले जूट (Jute Industry)को मिल रहा है. जूट मिलों की डिमांड बढ़ गई है साथ ही जूट मीलों को भी बड़ी मात्रा में ऑर्डर मिल रहे हैं. न सिर्फ सरकार बल्कि टेस्को और मुजी जैसे ग्लोबल रिटेलर्स भी जूट के थैलों की डिमांड कर रहे हैं. आलम ये है कि जूट बैग बनाने वाली यूनिट्स को सरकार से अपील करनी पड़ी है कि जूट बैग के और ऑर्डर न दें.
मिल रहे हैं बड़े ऑर्डर
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक बिरला कॉरपोरेशन की यूनिट बिरला जूट मिल्स को 20 लाख जूट थैलों का ऑर्डर पूरा करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ानी पड़ रही है. बिरला जूट मिल्स के असिसटेंट वाइस प्रेसिडेंट आदित्य शर्मा ने BS को बताया कि हमने पिछले साल यह यूनिट शुरू की है और हमारी क्षमता महीने में 1,50,000 बैग बनाने की है. दो महीने के अंदर हम नए स्थान पर इतनी ही क्षमता वाली एक और यूनिट शुरू करने जा रहे हैं. जिससे हम डिमांड को पूरा कर सकें.
इस वजह से बढ़ी मांग
भारतीय जूट मिल्स असोसिएशन के पूर्व चेयरमैन और जूट मिल के मालिक संजय कजारिया ने बताया कि जूट बैग्स की बढ़ती डिमांड के चलते कुल जूट उत्पादन क्षमता में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है. सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन जूट की मांग बढ़ने के पीछे सबसे बड़े कारणों में शामिल है. सिर्फ विदेश में ही नहीं, बल्कि घरेलू तौर पर भी रिटेलर्स और दुकानदार जूट बैगों की तरफ मुड़ रहे हैं. कस्टमर्स भी रियूजेबल बैग्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.