केंद्र सरकार आयुष्मान योजना के हितग्राहियों का सर्वे करा रही है। इस पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सवाल उठाया है। उनका कहना है कि 2011-12 के सर्वे के आधार पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा था और इसी योजना को आयुष्मान योजना में बदल दिया गया है। अब किस बात का सर्वे केंद्र सरकार करा रही है।
सिंहदेव ने नए सर्वे के आधार पर हितग्राहियों का नाम काटे जाने की बात का विरोध करते हुए कहा है कि आयुष्मान योजना भी भाजपा का चुनावी फंडा था। इसी कारण तो केंद्र में सरकार बनाने के बाद हितग्राहियों के नाम पर कैंची चलाने की तैयारी की जा रही है।
केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों को आयुष्मान योजना के हितग्राहियों की सूची भेजी है। राष्ट्रीय शहरी आजीविक मिशन के स्टेट मैनेजरों को निर्देश दिया गया है कि वे एनयूएलएम के समूह संगठकों के माध्यम से वार्डवार सर्वे कराएं।
हितग्राहियों से यह पूछा जाए कि उनके परिवार की महिलाएं महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं या नहीं ? अगर, स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं तो समूह का नाम और पंजीयन नंबर लेना है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यदि, आयुष्मान योजना के हितग्राही के परिवार की महिला किसी स्व-सहायता समूह से नहीं जुड़ी है तो उनका मुफ्त इलाज बंद किया जा सकता है।
इस पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का कहना है कि आयुष्मान योजना में केंद्र से ज्यादा राज्य सरकार की राशि लग रही है। केंद्र से 170 से 180 करोड़ छत्तीसगढ़ को मिल रहा है, जबकि राज्य सरकार को 800 से 900 करोड़ स्र्पये तक खर्च करना पड़ रहा है। इसके बाद भी हितग्राहियों का नाम काटने की बात हो रही है, तो यह गरीब परिवारों के साथ अन्याय होगा।
राज्य सरकार देगी मुफ्त इलाज
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का कहना है कि केंद्र सरकार आयुष्मान योजना के जिन हितग्राहियों का नाम काट देती है, उन्हें चिंता करने की जस्र्रत नहीं है। राज्य सरकार ने न केवल गरीब, बल्कि हर परिवार को मुफ्त इलाज देने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
यूनिवर्सल हेल्थ केयर के तहत चरणबद्ध तरीके से काम हो रहा है। अब प्रदेश के सभी हाट बाजार में हर हफ्ते निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और मुफ्त दवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था बना दी गई है। आवश्यक दवाओं की और खरीदी जल्द हो जाएगी। इसके बाद निशुल्क मेडिकल जांच की व्यवस्था होगी।