टीचिंग का बढ़ा क्रेज, 40 प्रतिशत बढ़ी डिमांड
हमारे समाज में माता- पिता के बाद अगर किसी को सबसे उच्च दर्जा दिया गया है, तो वे हैं शिक्षक. आजकल के युवाओं में भी टीचिंग प्रोफेशन को लेकर क्रेज बढ़ा है, क्योंकि यह एक ऐसा फील्ड है, जहां लोगों को सबसे ज्यादा सम्मान मिलता है.
एक जॉब साइट के सर्वे के मुताबिक, 2018-19 में टीचिंग से संबंधित जॉब खोजने वालों की संख्या में 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. सर्वे के मुताबिक, एक ओर पूरी दुनिया जहां ई-लर्निंग और पढ़ाई-लिखाई के लिए हायर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है, वहीं दुनिया में क्वालिटी टीचिंग के लिए शिक्षकों की मांग बढ़ रही है. कई कॉलेज पीएचडी करने वाले प्रोफेसर्स को स्टूडेंट की सहायता के लिए नियुक्त कर रहे हैं.
ऑनलाइन ट्यूटर्स और ई-एजुकेटर्स के जॉब ने इस डिमांड को और बढ़ा दिया है. सर्वे के मुताबिक, जुलाई 2016 से जुलाई 2019 तक शिक्षण कार्य के लिए नौकरी की खोजों में 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. 2018-19 में टीचिंग जॉब्स की खोज 40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ उच्चतम रही. 2017-18 में इसमें मात्र 14 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी थी, जबकि 2016-17 में इस जॉब के प्रति लोगों का रुझान कम हो गया था और टीचिंग जॉब सर्च करने वालों में 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी थी. दिलचस्प बात यह है कि प्रोफेशनल्स में भी अब टीचर बनने का क्रेज देखा जा रहा है. बीटेक और बीसीए की डिग्री के बाद भी लोगों की टीचिंग में बेहतर करियर दिख रहा है. सर्वे के मुताबिक, बीएड और डीएलएड में दाखिला लेने वालों में प्रोफेशनल डिग्रीधारकों की संख्या बढ़ गयी है.
शिक्षा में क्रांति है इ-लर्निंग, हायर टेक्नोलॉजी का हो रहा है इस्तेमाल
ई-लर्निंग एक ऐसी तकनीक है जिसमे मूवी गेम और भी अन्य कई तरीकों से शिक्षा को रूचिकर बनाया जाता है. इससे इंग्लिश और मैथ को मूवी गेम और कॉमिक्स के माध्यम से इतना रोचक बना दिया जाता है कि बच्चोंं को भी समझने में ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है.
ऑनलाइन ट्यूटर्स और इ-एजुकेटर्स के जॉब ने बढ़ायी मांग
बेहतर सैलरी और वर्क एन्वायरनमेंट भी
2.20-5.88 लाख रुपये के करीब है एक भारतीय शिक्षक की वार्षिक आमदनी
4.80-9.25 लाख रुपये तक कमाते हैं ऑनलाइन ट्यूटर और एजुकेटर