महिलाओं को हमेशा कमजोर कोमल समझा जाता है, कभी कोई भी उन्हें जुर्म की दुनिया में सोच भी नही सकता है। गैंगस्टर की जिदंगी को हमेशा ही पुरुषों की दुनिया ही समझा जाता है लेकिन कुछ ऐसी भी महिलाएं है जिन्होंने न केवल पुरुषों की दुनिया में कदम रखा बल्कि इस पर राज भी किया। आज हम आपको ऐसी ही कुछ महिला गैंगस्टर्स के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने न केवल अवैध धंधों की दुनिया में अपना नाम प्रसिद्ध किया बल्कि सरकार की नाम में दम भी किया था।
संतोकबेन जडेजा
संतोकबेन जडेजा यह इस दुनिया में अपनी पति समरमन मुंझा की मौत का बदला लेने के लिए आई थी। जब एक बार कुछ लोकल गुंड़ों ने मिलकर उसके पति की हत्या कर दी तो पुलिस के पास न जाकर उसने खुद अपने पति की मौत का बदला लिया था। 1987 से लेकर 1996 तक संतोकबेन ने अपना एक गैंग बनाया। कुछ लोगों के साथ मिलकर उन्होंने 14 लोगों की हत्या की थी। इसके बाद कठियावाड़ की माफिया बन गई। अपराध की दुनिया के साथ उन्होंने राजनीति में भी अपना हाथ अजमाते हुए जनता दल से लड़ कर 1990 व 95 में विधायक रही। ट्रांसपोर्ट के बिजनेस से लेकर रियल स्टेट बिजनेस तक उनकी ही चलती थी। स्थानीय लोगों का मानना था कि उनके घर के नालों में पानी नही खून बहता था। 1999 में उनके जीवन पर गॉडमदर फिल्म भी बनी थी।
रुबीना सिराज सैयद
रुबीना सिराज सैयद को हर कोई हीरोइन के नाम से जाना जाता था क्योंकि कहा जाता था कि उनका नेचर बहुत ही चार्मिंग था। रूबीना छोटा शकील के गैंग मेंबर्स को जेल के अंदर हथियार, पैसे और खाना सप्लाई किया करती थी। उनके गुरु व कनेक्शन काफी बड़े थे जिनके अंदर रह कर ही वह यह काम करती थी।
सीमा परिहार
13 की उम्र में जब सीमा किडनैप हुई थी उसके बाद वह सीमा डकैत बन गई थी। जिसके बाद उन्होंने अपनी गैंग बना कर 70 हत्याएं, 200 अपहरण और 30 डकैतियों को अंजाम दिया। इतना ही नही इसके बाद 2000 में इन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था। इनके जीवन पर आधारित वाउन्डेड: द बैंडिट क्वीन फिल्म भी बनी थी। इसमें उन्होंने खुद अभिनय किया था। इतना ही नही यह टीवी शो बिग बॉस में भी नजर आई थी। इस समय यह समाजवादी पार्टी की सदस्य है।
जेनाबाई दारुवाली
गैंगस्टर की दुनिया में जान पहचाने दाउद भी खुद जेनाबाई के हुक्म की तामील करते थे। बंटवारे के बाद जब इनके 5 बच्चों को छोड़कर पति पाकिस्तान चले गए तो इन्होंने चावल का काम किया। वहीं से स्मलिंग के धंधे की शुरुआत हुई। इतना ही नही दाउद का उस्ताद कहे जाने वाला हाजी मस्तान भी इनका मुरीद था वह इन्हें आपा कह कर बुलाते थे। 1962 में गिरफ्तार होने के बाद यह छूट गई थी।
अर्चना बालमुकुंद शर्मा
अर्चना भारत का किंडनैपिंग किंग के नाम से मशहूर बबलू श्रीवास्तव गैंग का हिस्सा रही हैं। माना जाता है कि यह दूसरे देशों में जाकर अपना कारोबार चला रही हैं।