केंद्र सरकार के सेंट्रल एक्साइज एवं कस्टम महकमे ने टैक्स से जुड़े कई वर्षों के उलझे मामलों से पल्ला झाड़ने के लिए नई स्कीम पर दांव लगाया है। अकेले मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में ही सरकार के हजारों करोड़ रुपए अभियोजन, अदालत और अपील के फेर में उलझे पड़े हैं। देश के अन्य राज्यों की कुल लेनदारी ही करीब 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। यही वजह है कि सरकार ने पुराने सभी पचड़े सुलझाने की मुहिम छेड़ी है।
सेंट्रल एक्साइज एवं कस्टम महकमे ने 1 जुलाई 2017 से टैक्स संबंधी जीएसटी की नई व्यवस्था लागू की है। इसलिए विभाग पुराने मामलों में उलझे अपने हजारों करोड़ रुपए के बकाया टैक्स वसूलने आधी-अधूरी रकम पर भी संतोष करने के लिए राजी हो गया है।
विभाग का आकलन है कि देश के सभी राज्यों में टैक्स के रूप में बकाया उसके करीब 3 लाख करोड़ रुपए की राशि फंसी हुई है। अकेले मप्र-छग में ही यह राशि हजारों करोड़ में है, इसलिए विभाग को अदालती मामले और अपील के उलझे प्रकरणों को खत्म करने में ही अपनी भलाई दिख रही है। कुल मिलाकर ‘छोड़ो कल की बातें… नए सिरे लिखेंगे नई कहानी…” नीति पर अमल शुरू किया गया है।
बताया जाता है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने 1 सितंबर से चार महीने के लिए ‘सबका विश्वास स्कीम” (लीगेसी डिस्प्यूट रिसॉलूसन) लागू कर पुराने झगड़े भुलाकर कुल रकम की 30, 40 अथवा 50 प्रतिशत रकम वसूल कर विवाद खत्म करने की मुहिम शुरू की है। विभाग का मानना है कि इस तरह उसके देश भर में फंसे करीब 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि मिल जाएगी।
साथ ही विभागीय अफसरों को अपील और अभियोजन में फंसे मामलों से भी छुटकारा मिल जाएगा। इसके पीछे वजह यही है कि कस्टम सेंट्रल एक्साइज विभाग अब पूरी तरह से जीएसटी पर ही फोकस करना चाहता है। यही वजह है कि उसने कारोबारियों को हो रही परेशानियों को दूर करने हर तरह मामलों में ‘वन टाइम सैटलमेंट” का लालच देकर एक और प्रयोग पर काम शुरू किया है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी युग में पुराने झगड़े खत्म करने विभाग ने पहली बार इतनी उदारता के साथ यह निर्णय लिया है। इसमें कारोबारियों को जुर्माना और ब्याज छोड़ने के साथ टैक्स की मूल रकम में भी राहत देने का लालच दिया है। सेंट्रल एक्साइज एवं कस्टम महकमा पूर्व के वर्षों में समाधान और वालंटरी डिस्क्लोजर स्कीम भी ला चुका है।
जीएसटी पर करेंगे फोकस: माहेश्वरी
टैक्स वसूली संबंधी पुराने विवादों और अपील में चल रहे प्रकरणों को सुलझाने के लिए सीबीआईसी ने पहली बार इतनी आकर्षक योजना लागू की है। इसके पीछे मुख्य कारण यही है कि विभाग पूरी ऊर्जा से जीएसटी पर फोकस कर सके। इस स्कीम से कारोबारियों को फायदा होगा और विभाग को अटकी हुई टैक्स की राशि मिल सकेगी।
– आरएस माहेश्वरी, कमिश्नर अपील सीजीएसटी भोपाल