- ध्य प्रदेश के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौर ने यह जानकारी मांगी थी
- साल 2017-18 में तत्काल कोटा से भारतीय रेलवे की कमाई 6,952 पहुंच गई थी
आखिरी मिनट पर तत्काल बुकिंग कराने वाले यात्रियों के कारण भारतीय रेलवे की चांदी हो गई है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून से पता चला है कि ऐसे यात्रियों के कारण पिछले 4 साल में रेलवे ने 25,392 करोड़ रुपये कमाए हैं. रेलवे ने साल 2016 से 2019 के बीच तत्काल टिकट बेचकर 21,530 करोड़ रुपये और तत्काल प्रीमियम टिकट के जरिए अतिरिक्त 3,862 करोड़ रुपये कमाए हैं. इससे राजस्व में इस अवधि के दौरान 62 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. मध्य प्रदेश के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौर ने यह जानकारी मांगी थी.
तत्काल बुकिंग सिस्टम कुछ खास ट्रेनों में साल 1997 में लाया गया था, ताकि आखिरी मिनट पर सफर करने वाले यात्रियों को सुविधा मुहैया कराई जा सके. लेकिन 2004 में इसका विस्तार कर दिया गया. तत्काल श्रेणी के टिकटों का किराया सेकंड क्लास के लिए मूल किराए का 10 परसेंट और अन्य सभी श्रेणियों के लिए मूल किराए का 30 परसेंट न्यूनतम और अधिकतम के आधार पर 30 प्रतिशत तय किया गया है. वहीं कुछ खास ट्रेनों के लिए साल 2014 में लाए गए प्रीमियम वर्जन में डायनामिक फेयर सिस्टम के तहत 50 प्रतिशत तत्काल टिकट बेचे जाते हैं. साल 2016-2017 में ऐसे टिकट से 6,672 करोड़ रुपये की कमाई हुई और अगले साल यह बढ़कर 6,915 करोड़ रुपये हो गई.
साल 2017-18 में तत्काल कोटा से भारतीय रेलवे की कमाई 6,952 पहुंच गई थी. तत्काल प्रीमियम कोटा टिकटों के मामले में रेलवे की कमाई 2016-2017 के मुकाबले 2018-19 में 62 फीसदी बढ़कर 1608 करोड़ रुपये हो गई . साल 2016-17 में कमाई 1,263 करोड़ और 2017-18 में 991 करोड़ थी. तत्काल स्कीम के तहत फिलहाल 2,677 ट्रेन हैं. रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक तत्काल स्कीम के तहत 11.57 लाख सीटों में 1.71 लाख उपलब्ध होती हैं.