पूजा या आरती के बाद सभी भगवान को मीठे का भोग लगाते हैं, जिसके लिए आप मीठा बनाते हैं। सभी जानते हैं कि गणेश चतुर्थी का पर्व शुरु होने वाला है और सभी भगवान गणेश जी की पूजा करेंगे। आज हम आपको इस मौके पर स्वादिष्ट बूंदी के लड्डू बनाने की विधि बताएंगे-
सामग्री-
बेसन – 2 कप (250 ग्राम)
चीनी – 1.5 कप (375)
पिस्ते – 10-12 (कद्दूकस किए हुए)
इलायची – 8-10 (पाउडर)
खरबूजे के बीज – ¼ कप
घी – तलने के लिए
विधि- बेसन को बड़े प्याले में निकाल लीजिये, थोड़ा सा पानी डालिये और बेसन को गुठलियां खतम होने तक घोल लीजिये। थोड़ा पानी और मिलाइये और बेसन को अच्छी तरह फैटिये, और चमचे से लगातार गिरने वाली कनसिसटेन्सी का घोल बना लीजिये (घोल को बनाने में डेढ़ कप पानी का यूज हुआ है) घोल को लगातार 4-5 मिनिट चलाते हुए फैंट लीजिए। बटर को 5-6 मिनिट अच्छे से फैंट लेने के बाद घोल को 10 मिनिट के लिये रख दीजिये। चाशनी बनाने के लिए किसी बर्तन में चीनी डालिये, और पौना कप पानी डाल दीजिये, चीनी को पानी में घुलने दीजिये, चीनी पानी में घुलने के बाद 1-2 मिनिट तक चाशनी को पकने के बाद चाशनी को चैक कीजिये। चमचे से चाशनी की गिराइये, चाशनी में से 1-2 तार बन रहा होता है तो चाशनी बन कर तैयार है। गैस बंद कर दीजिए, लड्डू के लिये चाशनी तैयार है। लड्डू बनाने के लिए पैन में घी डालकर गरम कीजिए। 10 मिनिट बाद बैटर फूल कर तैयार है इसे 2-3 मिनिट और अच्छे से फैंट लीजिए। घी अच्छे से गरम है इसे चैक करने के लिए गोल की एक बूंद घी में डालकर देखें अगर वो सिक कर ऊपर आ रही है तो घी अच्छे से गरम होकर तैयार है।
बूंदी बनाने के लिए छेद वाली कलछी को गरम घी के ऊपर रखिये और कलछी के ऊपर चमचे से दो चम्मच बेसन का घोल डालिये। कलछी के छेदों से बेसन निकल कर कढ़ाई में गिरता है और गोल बूंदी बन जाता है, कढ़ाई में जितनी बूंदी आ जाय उतनी गिरा दिजिये, अब बूंदी को हल्का सा ही सेकना होता है। हल्की सी सिक जाने पर इसे बरतन के ऊपर रखी छलनी में निकाल लीजिये ताकि अतिरिक्त घी इसमें से निकल कर नीचे बरतन में चला जाए।अब अगली बार की बूंदी को तलने के लिए झाव में लगा हुआ बेसन दोनों ओर से हटा दीजिए, बेसन हटा देने से बूंदी फिर से बनाने पर गोल और अच्छी बनकर तैयर होती है। अब इस झावा पर बेसन का घोल डालें और बूंदी को घी में सेक कर तैय़ार कर लीजिए इसी प्रकार सारे घोल से बूंदी बना कर तैयार कर लीजिए।