गृह मंत्रालय ने शनिवार को एनआरसी की अंतिम सूची जारी कर दी है। इसमें 19 लाख से ज्यादा लोगों के नाम शामिल नहीं हैं। वहीं तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है। सूची में भारतीय सेना में अधिकारी रहे मोहम्मद सनाउल्लाह का भी नाम नहीं है।
एनआरसी सूची को लेकर राजनीतिक दलों ने भी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। असम से कांग्रेस सांसद का कहना है कि वह इससे संतुष्ट नहीं हैं। इसपर एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि तथाकथित अवैध प्रवासी के मिथक का भंडाफोड़ हुआ है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, ओवैसी ने कहा, ‘भाजपा को इससे सबक लेना चाहिए। उन्हें हिंदुओं और मुसलमानों के संदर्भ में पूरे देश में एनआरसी लागू करने के बारे में पूछना बंद कर देना चाहिए। असम में जो हुआ उससे उन्हें सबक सीखना चाहिए। अवैध प्रवासियों के तथाकथित मिथक का भंडाफोड़ हुआ है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे शक है कि नागरिक संशोधन विधेयक के माध्यम से भाजपा एक विधेयक ला सकती है जिसमें वे सभी गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने की कोशिश कर सकते हैं। जोकि फिर से समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा।’
हैदराबाद से सांसद ने कहा, ‘असम के बहुत से लोगों ने मुझे बताया है कि उनके नाम सूची में शामिल हैं लेकिन उनके बच्चों ने नाम सूची से बाहर हैं। उदाहरण के तौर पर मोहम्मद सनाउल्लाह को लीजिए उन्होंने सेना में सेवा दी। उनका मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। मुझे पूरा विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा।’