स्मार्ट घर और अब स्मार्ट बिजली का मीटर आने वाला है। इस पर मोदी सरकार काम कर रही है। सरकार ने वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार और बज़ली बिल की बचत के उद्देश्य से देश भर में सभी ग्राहकों के यहां बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं।
3 साल में लग जाएंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर
इलेक्ट्रीसिटी मिनिस्टर आर के सिंह ने कहा कि राज्यों से इस बात पर बल दिया गया है कि अगले 3 साल में उपभोक्ताओं के यहां परंपरागत मीटरों की जगह स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। उन्होंने इसके लिए राज्यों से यथाशीघ्र योजना तैयार करके उसकी रिपोर्ट केंद्र को भेजने का आग्रह किया है। साथ ही इस दिशा में कदम उठाने के लिए बिजली मंत्रालय ने 830 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
2 अगस्त को पत्र लिखकर अधिकारियों से ली थी जानकारी
बता दें कि मंत्री ने इस महीने की शुरुआत दो अगस्त को सभी राज्यों के प्रधान सचिव/ सचिव (ऊर्जा) और बिजली वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखकर उन्हें स्मार्ट प्रीपेड मीटर के क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में भी जानकारी मांगी है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर से ग्राहक ठीक मोबाइल फोन की तरह मीटर रिचार्ज कराकर अपनी जरूरत के अनुसार बिजली का उपयोग कर सकते हैं। इस लिहाज से यह कदम आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए उपयुक्त है, जिन्हें एक बार में बिजली बिल का भुगतान करने में समस्या होती है।
कंपनियों को वित्तीय रूप से मिलेगा लाभ
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह ने कहा कि इससे बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय सेहत मजबूत होगी। साथ ही बड़े पैमाने पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर बनने से रोजगार भी प्रभावित होंगे। इतना ही नहीं इसमें ग्राहक ऊर्जा बचत के लिए प्रोत्साहित होंगे। चूंकि बिल आपके मोबाइल पर आ जाएगा और कागजी बिल की जरूरत नहीं होगी, अत: यह पर्यावरण के अनुकूल भी है।
इस पर उन्होंने राज्यों को लिखित पत्र में जोर देते हुए कहा है कि राज्यों / बिजली वितरण कंपनियों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर हर हाल में लगाने होंगे और पूरी प्रक्रिया तीन साल में पूरी करनी है। सिंह ने कहा कि अगले तीन साल के भीतर सभी ग्राहकों के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने और इस दिशा में हुई प्रगति के बारे में यथाशीघ्र रूपरेखाएं देने का अनुरोध है।
41 लाख स्मार्ट मीटर के लिए 830 करोड़ रुपये की राशि
इलेक्ट्रीसिटी मिनिस्टरी ने राज्यों के अनुरोध पर एकीकृत बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) के तहत 41 लाख स्मार्ट मीटर के लिए 830 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। साथ ही स्मार्ट ग्रिड परियोजनाओं के तहत राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन के तहत वित्तीय पोषण उपलब्ध कराया गया है। इन योजनाओं के तहत खरीदे गए मीटर प्रीपेड होंगे।