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छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए हर वर्ष थीम निर्धारित कर कार्य करने पर बल : कलाकार परिषद बनाने पर भी विचार-विमर्श

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल तथा राज्य के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने आज यहां महानदी भवन मंत्रालय में संस्कृति, धर्मस्व एवं धार्मिक न्यास, पुरातत्व और पर्यटन विभाग की समीक्षा की। इस अवसर पर जहां छत्तीसगढ़ के संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया, वहीं छत्तीसगढ़ की कला और कलाकारों को बढ़ावा देने के उद्ेश्य से कलाकार परिषद बनाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। छत्तीसगढ़ की संस्कृति के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु हर वर्ष एक थीम निर्धारित कर कार्य करने पर भी बल दिया गया।
बैठक में संस्कृति मंत्री ने बताया कि राज्य में धर्मस्व और धार्मिक न्यास का कोई सेटअप नही हैं। बैठक में इस दृष्टि से संस्कृति, धर्मस्व एवं धार्मिक न्यास का संयुक्त सेटअप बनाने पर भी विचार-विमर्श किया गया।

संस्कृति मंत्री ने बताया कि हाल ही में उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों, साहित्यकारों, छत्तीसगढ़ी फिल्म के निर्माताओं, निर्देशकों और फिल्म कलाकारों के साथ मुलाकात की है। उनसे छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए है।
संस्कृति मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के प्रचार-प्रसार एवं बढ़ावा देने की दृष्टि से संस्कृति विभाग परिसर में संचालित गढ़कलेवा की तर्ज पर राज्य के सभी जिला मुख्यालय में गढ़कलेवा की स्थापना का प्रस्ताव है। इसी तरह छत्तीसगढ़ हाट की तरह बस्तर एवं सरगुजा हाट बनाने का भी विचार है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर किए जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी ली। संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गांधी फाउण्डेशन के सहयोग से आगामी माह संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। बैठक में छत्तीसगढ़ के विभूतियों की जानकारी भी विभिन्न माध्यमों से नागरिकों को देने का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग तथा निजी संस्थाओं के सहयोग से ख्याति प्राप्त कलाकार स्वर्गीय श्री खुमान साव पर आधारित श्रद्वांजली कार्यक्रम करने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले मेला-मड़ई का प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 73 मेला, उत्सव और महोत्सव आयोजित किए जाते है और इसके लिए दो करोड़ रूपए 46 लाख रूपए का अनुदान दिया जाता है।
संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ के कलाकारों की पहचान एवं परिचय के लिए चिन्हारी योजना संचालित है, जिसके माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन किया जाता है। संस्कृति के विभिन्न आयामों का प्रचार-प्रसार हेतु सहपीडिया सहयोग लिया जा रहा है। इसी तरह कलाकार पेंशन योजना भी संचालित है। इसी तरह ग्राम जामराव के उत्खनन कार्यो की भी जानकारी दी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, आयुक्त सह संचालक श्री अनिल साहू सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।