मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों के हित में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 2 लाख से ज्यादा के कर्जदार किसानों का भी कर्जा माफ होगा। हालांकि इसमें शर्त यह है कि 2 लाख से ज्यादा राशि तभी माफ होगी,जब किसान 50 फीसदी राशि खुद जमा करेगा। इस संबंध में राज्य सरकार और बैंकों के बीच सहमति बन गई है। मुख्यमंत्री ने किसान यूनियनों से चर्चा के दौरान यह बात कही। इसी के साथ किसानों संघों ने हड़ताल वापस ले ली है।
उन्होंने कहा कि ऋण माफी की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण उल्लेखनीय पहल सरकार ने यह की है कि जिन किसानों का दो लाख से अधिक फसल ऋण है उसमें दो लाख तक का ऋण तो सरकार की योजना के तहत माफ होगा। शेष ऋण राशि का 50 प्रतिशत अगर किसान जमा करता है तो उसका बाकी का 50 प्रतिशत ऋण माफ हो जाएगा।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसान यूनियनों से चर्चा के दौरान कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य-स्तरीय समिति गठित होगी। ऋण माफी समस्याओं के लिए जिला-स्तर पर अपील कमेटी बनेगी। यह समिति सरकार और किसानों के बीच समन्वय का काम करेगी। उन्होंने जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अमल की समस्याओं के समाधान के लिए जिला-स्तर पर अपील कमेटी भी गठित करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि प्रदेश में 65 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर समस्या का समाधान त्वरित गति से तत्परता के साथ हो। उन्होंने कहा कि शासन का मानना है कि जब तक कृषि क्षेत्र में खुशहाली नहीं होगी तब तक हम प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को मजबूत नहीं बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की क्रय शक्ति बढऩे से ही प्रदेश की तरक्की संभव है।