देखते है जब भी कोई एतिहासिक चीज का निर्माण होता है तो उसका उद्घाटन किया जाता है।ताकि उसके बारे में लोगों को पता चल सके।आज हम आपको एक ऐसे पुल के बारे में बताने जा रहे है जिसका उद्घाटन आज तक नहीं हुआ। लेकिन फिर भी वो देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फेमस है।
जानकारी के लिए बता दें कि हम बात कर रहे है कोलकाता के हावड़ा ब्रिज की। इसके बारे में कहा जाता है कि इस पुल के बने हुए 76 साल हो चुके है। साथ ही ये भी बताया जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान का एक बन इसके पास ही गिरा था।
लेकिन ब्रिज के कुछ भी नहीं हुआ।ये तब से ज्यों का त्यों ही खड़ा है। उन्नीसवीं सदी के आखिरी दशकों में ब्रिटिश इंडिया सरकार ने कोलकाता और हावड़ा के बीच बहने वाली हुगली नदी पर एक तैरते हुए पुल के निर्माण की योजना बनाई। ऐसा इसलिए क्योंकि उस दौर में हुगली में रोजाना कई जहाज आते-जाते थे।
खंभों वाला पुल बनाने से कहीं जहाजों की आवाजाही में रुकावट न आये, इसलिए 1871 में हावड़ा ब्रिज एक्ट पास किया गया। इसका निर्माण 1942 में पुरा हो चुका था। जिसको 1943 में आम जनता के लिए खोल दिया था। उस समय ये दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ब्रिज हुआ करता था।
इस ब्रिज को बनाने में 26,500 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 23,500 टन स्टील की सप्लाई टाटा स्टील ने की थी। इस पुल की सबसे खास बात है कि पूरा ब्रिज महज नदी के दोनों किनारों पर बने 280 फीट ऊंचे दो पायों पर टिका है।