कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे पर वायनाड की रिटायर्ड नर्स और मतदाता राजम्मा वावथिल ने जोर देकर कहा है कि किसी को भी राहुल की नागरिकता पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। राहुल गांधी का जन्म दिल्ली में हुआ था। दिल्ली के होली फेमिली हॉस्पीटल में 19 जून 1970 को जब राहुल गांधी पैदा हुए थे, उस समय ड्यूटी पर तैनात अस्पताल कर्मचारियों में वह भी शामिल थीं।
जन्म के समय दिल्ली के अस्पताल में थीं नर्स
72 वर्षीय नर्स राजम्मा जो उस समय भी नर्सिंग की ट्रेनिंग ले रही थीं, उन पहले लोगों में शामिल थीं जिन्होंने अस्पताल में नवजात शिशु को अपनी गोद में लिया था। उन्होंने बताया, “मैं भाग्यशाली थी क्योंकि मैं उन कुछ लोगों में शामिल थी जिन्होंने नवजात शिशु को अपनी गोद में उठाया। वह बहुत सुंदर शिशु था। मैं राहुल के जन्म की चश्मदीद गवाह हूं। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पौत्र को देखकर मैं रोमांचित थी। वहां मौजूद सभी लोग खुश थे।”
49 साल बाद ‘सुंदर शिशु’ आज कांग्रेस अध्यक्ष
खुद को आम गृहिणी कहने वाली राजम्मा कहती हैं, “इससे ज्यादा खुशी की बात नहीं हो सकती है। 49 साल बाद आज वह ‘सुंदर शिशु’ कांग्रेस अध्यक्ष है और वायनाड से चुनाव प्रत्याशी है।” वह उस दिन को याद करती हैं। राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी और चाचा संजय गांधी अस्पताल के लेबर रूम के बाहर प्रतीक्षा कर रहे थे, जिस समय उनका जन्म हुआ। वह इसके बारे में अपने परिवार में प्रायः बताती हैं।
निराधार मानती हैं नागरिकता पर शिकायत
रिटायर्ड नर्स ने कहा कि वह यह सुनकर आश्चर्यचकित रह गई कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्षता की नागरिकता को लेकर शिकायत की है। राजम्मा के अनुसार भारतीय नागरिक के रूप में राहुल गांधी की पहचान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है। उनकी नागरिकता को लेकर उनकी शिकायत निराधार है। उनके जन्म से संबंधित सारे दस्तावेज अभी भी अस्पताल में उपलब्ध होंगे।
दिल्ली के होली फेमिली हॉस्पीटल से नर्सिंग की ट्रेनिंग लेने के बाद राजम्मा ने भारतीय सेना में नर्स के रूप में नौकरी शुरू की थी। सेना से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेने के बाद वह 1987 में केरल लौट आई और अब वह सुल्तान बाथेरी के निकट कल्लूर में रहती हैं जो वायनाड क्षेत्र में आता है।
राहुल से मुलाकात होने की उम्मीद
राजम्मा को उम्मीद है कि अगली बार जब भी राहुल वायनाड आएंगे, वह उनसे मिल सकेंगी। राहुल गांधी द्वारा चुनाव लड़ने के फैसले से वायनाड अनायास राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया। वहां मतदान पिछले 23 अप्रैल को हुआ था। वहां कुल 80.31 फीसद वोट पड़े।