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छत्तीसगढ़: घोटालों के लिए थी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौन सहमति?

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छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2018 में नई सरकार ​गठित होने के बाद से ही एक के बाद एक कर घोटाला और अनियतितता के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला आबकारी विभाग में लंबे समय से पदस्थ रहे पूर्व अधिकारी समुद्र राम सिंह के ठिकानों पर ईओडब्ल्यू की छापेमार कार्रवाई है. संविदा नियुक्ति वाले समुद्र राम सिंह पर आय से अधिक बेतहासा संपत्ति बनाने का आरोप है.

ईओडब्ल्यू ने बीते अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में समुद्र राम सिंह छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के आठ अलग अलग ठिकानों पर छापे मारे. इसके अलावा राजधानी रायपुर में डीकेएस अस्पताल में 50 करोड़ रुपये के घोटाले और खरीददारी और भर्तियों में अनियमितता का मामला गोल बाजार थानें में दर्ज किया गया है. इस मामले में खुद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता को मुख्य आरोपी बनाया गया है.

इन मामलों के अलावा लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों में 4601 करोड़ रुपये की ई-टेंडरिंग में गड़बड़ी का खुलासा कैग ने बीते विधानसभा सत्र में सौंपी अपनी रिपोर्ट में किया. इस मामले में बीते 31 जनवरी को ईओडब्ल्यू की टीम ने चिप्प्स व पीडब्ल्यूडी से जुड़े अधिकारियों के निवास पर भी दबिश दी. ई-टेंडरिंग में गड़बड़ी मामले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू को जिम्मा सौंपा है. बहुचर्चित नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला मामले में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता की स्टेनो रही रेखा नायर पर आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह. फाइल फोटो.

कांग्रेस पार्टी की वर्तमान राज्य सरकार तमाम विभागों में घोटालों और अनियमितिता की जांच करा रही है. बीजेपी की पिछली राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान के इन मामलों को लेकर सियासत भी हो रही है. इन मामलों को लेकर कांग्रेस सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह पर निशाना साध रही है.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि पिछली सरकार में या तो प्रशासनिक आतंकवाद था या फिर हर मामले में प्रदेश के तत्कालीन मुखिया डॉ. रमन सिंह के देखरेख में अंजाम दिए जाते थे. क्योंकि भ्रष्टाचार के जितने भी बड़े मामले अब तक सामने आये हैं, ज्यादातर में डॉ. रमन सिंह के करीबी लोग ही इसमें शामिल होने के आरोपी है. पिछली सरकार में कमिशनखोरी चरम पर थी. आने वाले दिनों में ऐसे कई और मामलों का खुलासा होगा.

बीजेपी कांग्रेस के इन आरोपों को सिरे से खारिज करती है. बीजेपी प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी कहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का इन मामलों से कोई लेना देना नहीं है. आरोप तो किसी पर भी लगाए जा सकते हैं. जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. वर्तमान सरकार दुर्भावनापूर्ण नीति से बदलापुर की राजनीति के तहत कार्रवाई कर रही है.