क्या किया जाए यदि आपने कई लोगों से उधार मांग रखा है और उसे चुका नहीं पा रहे हैं?
क्या किया जाए यदि आपने किसी पहलवान की बीवी को छेड दिया हो? जवाब है ‘प्लास्टिक सर्जरी’!
जी हाँ! प्लास्टिक सर्जरी!
आपके चेहरे की भौगोलिक स्थिति में हडकंप मचा देनेवाली प्लास्टिक सर्जरी!
नाक मोटी है? मैं तो कहता हूँ नाक ही हटवा दीजिये. होठ पतले हैं? गुब्बारों की तरह फुलवा दीजिये!
हमारे फिल्मी जगत के कई नामचीन हस्तियों ने प्लास्टिक सर्जरी को अपनाया है. नाम-चीन हस्तियाँ जैसे कि कोइना मित्रा और मिनिषा लांबा! मेरा मतलब उन्हें थोड़े-बहुत लोग तो जानते ही हैं! वह भी सिर्फ प्लास्टिक सर्जरी की बदौलत. जी हाँ! यदि आपको नाम-चीन बनना है तो अपनाइए प्लास्टिक सर्जरी!
प्लास्टिक सर्जरी के कई फायदें हैं.
जैसे कि अगर आपको अपनी नाक से नफरत है तो नाक बदलवा लीजिये!
देखा? कैसे किया सर्जरी ने अपना कमाल!
अगर आपको अपने होठों का आकार पसंद नहीं, प्लास्टिक सर्जरी उसका सटीक इलाज है!
ये देखिये!
यहाँ तक की आप अपने लिंग में भी बदलाव लाकर विपरीत लिंग के बन सकते हैं.
अब कुछ क्षणों के लिए व्यंग को एक तरफ हटा देते हैं और वाकई में प्लास्टिक सर्जरी के कारण हो रहे अभावों पर गौर करते हैं.
प्लास्टिक सर्जरी करने से पहले हर एक आदमी/औरत को एक बात ध्यान में रखनी चाहिए.
‘सर्जरी कराते वक़्त हमेशा जोखिम बना रहता है फिर चाहे सर्जन जितना माहिर हो!’
प्लास्टिक सर्जरी के मुख्य अभावों में से एक है शरीर का इम्प्लान्ट्स को अस्वीकार करना.
प्लास्टिक सर्जरी के और भी कई अभाव हैं, जैसे की संक्रमण, निशाँ ऊतक, एलर्जी, विषमता, इत्यादि.
दुनिया भर के कई प्रसिद्ध लोगों ने अपनी बढती उम्र को छुपाने के लिए या फिर अपने शरीर के कुछ अंगों को उभारने के लिए प्लास्टिक सर्जरी को अपनाया है. यहाँ बॉलीवुड में आजकल सबसे ज्यादा प्लास्टिक सर्जरी के कारण प्रख्यात हैं पूनम पाण्डेय, जो बात-बात पर अपने कपडे उतारना उचित समझती हैं. फिर वे, जिनकी जवानी उनका पीछा ही नहीं छोडती, मैं बात कर रहा हूँ ‘हेमा मालिनी’ की.
विदेशों में अगर देखा जाए तो यह एक तरह का चलन ही बन गया है. पमेला एंडरसन और माइकल जैक्सन जैसे हॉलीवुड सितारों ने भी प्लास्टिक सर्जरी की बदौलत अपने शरीर का मज़ाक बना कर रख दिया है.
भई मैं तो यही कहना चाहूँगा की अगर कोई आदमी/औरत प्लास्टिक सर्जरी का सहारा लेकर अपने शरीर को और खूबसूरत या भड़कीला दिखाना चाहते/चाहती हैं तो ज़ाहिर तौर पर वे खुद से प्यार नहीं करते. यदि कोई विकलांगता है और वह प्लास्टिक सर्जरी द्वारा ठीक की जा सकती है तो यह बात समझी जा सकती है.
यह वही बात है कि एक सिक्के के दो पहलु होते हैं.
प्लास्टिक सर्जरी एक तरह से लाभदायक है और एक तरह से हानिकारक भी हो सकती है. मैं तो अंत में यही कहना सही समझूंगा कि कुछ-कुछ चीज़ें ज़रूरत पड़ने पर ही करनी चाहिए और प्लास्टिक सर्जरी उनमे से एक है.