छत्तीसगढ़ में कुल तीन चरणों में मतदान कार्य समाप्त हो चुका है. अब बारी मतगणना की है. मतदान और मतगणना के बीच एक माह का समय प्रत्याशियों सहित राजनीतिक दलों के लिए इंतजार की घड़ी बन चुकी है जो काफी मुश्किल से गुजर रही है. प्रदेश सहित देशभर में 23 मई को मतगणना होगी. छत्तीसगढ़ में 23 अप्रैल को तीसरे और अंतिम चरण का मतदान कार्य संपन्न हुआ.
मतदान के बाद मतगणना के लिए एक महीने का समय बचा हुआ है. इस एक महीने में भले ही बीजेपी-कांग्रेस सहित अन्य दलों के बड़े नेता अन्य राज्यों में जा कर चुनावी प्रचार में व्यस्त हों, लेकिन प्रत्याशियों की धड़कने दिन प्रतिदिन तेज होते जा रही हैं. कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि परीक्षा देने के बाद रिजल्ट के लिए उत्सुकता तो रहती है. छत्तीसगढ़ के लोगों को इंतजार ज्यादा करना पड़ रहा है. बीजेपी के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि इंतजार लंबा है, लेकिन करना पड़ेगा ही.
बता दें कि ऐसा नहीं हैं कि छत्तीसगढ़ में आम चुनावों के लिए मतदान के बाद मतगणा के लिए पहली बार एक माह का इंतजार है. इससे पहले साल 2009 में हुए आम चुनावों में मतदान समाप्ति के ठीक एक माह बाद ही मतगणना हुई थी. साल 2004 के चुनाव में 20 अप्रैल को मतदान कार्य पूरा कर लिया गया था. इसके बाद 13 मई को परिणाम आए थे. फिर 2009 के चुनाव में 16 अप्रैल को वोटिंग समाप्ता हुई और परिणाम 16 मई को आए थे. इसके बाद साल 2014 के चुनाव में मतदान कार्य 24 अप्रैल को समाप्त हुए और परिणाम 16 मई को आए थे.
दलअसल चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं माना जाता. जिस तरह से परीक्षा समाप्ति के बाद छात्र-छात्राओं को परीक्षा परिमाण का इंतजार रहता है ठीक उसी तरह से चुनाव के बाद प्रत्याशी सहित नेता और राजनीतिक दलों को चुनाव परिणाम का इंतजार रहता है. बस परीक्षा और चुनाव में फर्क इतना ही होता हैं कि परीक्षा में ज्ञान की कसौटी पर छात्र परखे जाते हैं तो वहीं चुनाव में जनता की कसौटी पर खरे उतरने पर प्रत्याशी ही सफल हो पाते हैं. बहरहाल कहावत है कि इंतजार का फल मीठा होता है अब देखना होगा छत्तीसगढ़ में किस प्रत्याशी और राजनीतिक दलों के लिए इंतजार का फल मीठा साबित होता है.