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दुर्ग : मतदाताओं की खामोशी से नेता बेचैन, दुर्ग में दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा

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लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में अब कुछ ही घंटे शेष है। एक ओर जहां प्रत्याशी मतदाताओं तक पहुंचने धुआंधार जनसंपर्क और प्रचार-प्रचार में लगे हैं तो वहीं चुनाव की प्रशासनिक कवायद भी तेज हो गई है। इन सबके बीच मतदाताओं की खामोशी ने नेताओं को बेचैन कर रखा है।

दुर्ग संसदीय सीट काफी हाई प्रोफाइल मानी जा रही है। इस सीट का प्रदेश और देश की राजनीति में बड़ा दखल है। इस आम चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। यह वही लोकसभा सीट है, जहां भीषण मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस की जीत हुई थी। इस जीत ने ही प्रदेश में कांग्रेस की लाज बचाई थी।

राजनीति के जानकारों की मानें तो दुर्ग लोकसभा इसलिए भी काफी अहम है, क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह गृह जिला है। इसके अलावा दुर्ग संसदीय क्षेत्र में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और पीएचई मंत्री गुरु रूद्र इन्हीं इलाकों से जीतकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहुंचे हैं। हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में दुर्ग की एकमात्र विधानसभा वैशाली नगर से विद्यारतन भसीन को जीत मिली है। जबकि संसदीय क्षेत्र के आठ विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा है। दूसरी ओर भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय दुर्ग संसदीय सीट से सांसद रह चुकी है। दुर्ग फतह करने के लिए राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है।

दुर्ग बचाने राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद आए

मुख्यमंत्री सहित तीन मंत्रियों की मौजूदगी में कांग्रेस कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रही थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संसदीय क्षेत्र के दुर्ग व बेमेतरा जिला में लगातार दो दिनों तक आठ सभाओं को संबोधित किया। वहीं मंत्री रविंद्र चौबे, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू व मंत्री गुरु रूद्र कुमार लगातार कार्यकर्ताओं की बैठक और छोटी सभाएं लेते रहे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने शहरी क्षेत्र में कई बड़ी सभाओं को संबोधित कर जनसंपर्क भी किया। दो दिन पहले पाटन क्षेत्र में कांग्रेस के स्टार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू ने सभा कर माहौल बनाया। वहीं एक दिन पहले भिलाई के बैकुंठधाम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की बड़ी सभा हुई।

दुर्ग फतह करने राजनाथ व उमा आए

दुर्ग संसदीय क्षेत्र के बेमेतरा में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रोड शो कर माहौल बनाया। इसके अलावा नवागढ़ व बेमेतरा में जनसभा को संबोधित किया। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने साजा विधानसभा के परपोड़ी में भाजपा के लिए सभा की। पड़ोसी बालोद जिला में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी सभा हुई, जबकि वैशालीनगर के बैकुंठधाम में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ी सभा को संबोधित किया। स्थानीय दिग्गज नेताओं में भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव डॉ. सरोज पांडेय, पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, पूर्व मंत्री रमशीला साहू, चुनाव संचालन समिति के प्रभारी महासमुंद सांसद चंदूलाल साहू, वैशालीनगर विधायक विद्यारतन भसीन ने भी चुनावी कमान संभाली।

गांवों तक नहीं पहुंच सके प्रत्याशी

दुर्ग संसदीय क्षेत्र से 21 प्रत्याशी मैदान पर है, लेकिन बड़ी राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशी भी गांवों तक नहीं पहुंच सके। ताबड़तोड़ जनसंपर्क के बाद भी मतदाताओं तक अपनी बात नहीं रख सके। वहीं निर्दलीय व क्षेत्रीय पार्टियों की सक्रियता इस चुनाव में कम ही दिखी है। बड़ा संसदीय क्षेत्र होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में वाल पेंटिंग व बैनर पोस्टर भी नहीं लग पाये। कई गांवों में प्रचार के अंतिम समय तक प्रचार वाहन नहीं पहुंच पाये। संसदीय क्षेत्र के अधिकांश लोगों को यह भी नहीं पता है कि कितने प्रत्याशी मैदान पर है और उन्हें कौन सा चुनाव चि- आवंटित हुआ है। वहीं प्रशासनिक स्तर पर शत-प्रतिशत मतदान के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया है। अब 23 अप्रैल को ही पता चलेगा कि कितने प्रतिशत मतदाता जागे।