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पाबंदी खत्म होने के बाद रो पड़े आजम, कहा- सरकार का वश चले तो मुझे गोली मार दे

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समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व गठबंधन प्रत्याशी आजम खान ने चुनाव प्रचार में 72 घंटे का प्रतिबंध समाप्त होने के बाद एक बार फिर से प्रचार की कमान संभाल ली है। रामपुर के दड़ियाल चौक में जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान भावुक हो उठे। उन्होंने कहा, मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे मैं एक राष्ट्र-विरोधी या देशद्रोही हूं। वे मेरे साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं मानो मैं इस दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी हूं’।

नहीं कर सका चुनाव प्रचार

रामपुर सीट पर तीसरे चरण यानि 23 अप्रैल को मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वहीं, रामपुर से गठबंधन के उम्मीदवार आजम खान ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने मुझ पर तीन दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। इस दौरान में चुनाव प्रचार करने के लिए कहीं नहीं जा सका। किसी से नहीं मिल सका और ना ही किसी जनसभा में भाग ले सका। उन्होंने कहा कि मैं यहां बहुत बार आया हूं आपके बीच और आपके बीच बोलने की इतनी सजाएं मिली हैं कि आज तक मेरे ऊपर वह मुकदमे चल रहे हैं। कहा कि मैं जब आपकी वकालत करूं तो ना मेरी आवाज लड़खड़ाए और ना मेरे कदम लड़खड़ाए एक मजबूत वकील की तरह आप का मुकदमा पिछले 40 वर्षों से लड़ता रहा हूं।

 

सरकार मुझे गोलियों से छलनी कर दें: आजम खान

जनसभा को सम्बोधित करते हुए आजम खान भावुक हो उठे और बोले कि अगर सरकार और इंतेजामिया का बस चले तो सामने खड़ा कर के मुझे वे गोलियों से छलनी कर दे। मेरा गुनाह सिर्फ ये है कि जो बात आप महसूस करते हो, मैं उसे कह देता हूं। आजम खान ने कहा कि पार्लियामेंट के चुनाव में जब सिर्फ एक सप्ताह रह जाये और इस तरह की तीन दिन की सजा कैंडिडेट को दी जाए, इसके पीछे के हालात अपको जानना चाहिए।

 

जिला प्रशासन ने फैला रखी है दहशत

उन्होंने कहा कि रामपुर में जिला प्रशासन ने दहशत फैला रखी है। मेरा झंडा लगाने वालों के घर पर छापे मार दिए। मेरे चाहने वालों को सताया जा रहा है। लोगों के घरों के दरवाजे तोड़ दिए गए। उनके घरों की औरतों को बेइज्जत किया गया। उनके सामान लूटे गए। यह कैसा इंसाफ है? यहां दौलत वाला बाहर से आकर हम गरीबों को कैसे सता रहा है। आप लोग जाकर देखो रामपुर शहर छावनी बना हुआ है। गरीबों के घरों के दरवाजे तोड़ जा रहे हैं।

 

‘मेरे घर में मारो मुझे’

जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान रो पड़े। अपने आंसू पहुंचते हुए कहा कि सरकार और इंतजामियां से कहना चाहता हूं। मेरे घर के दरवाजे तोड़ो मेरे घर कर मुझे मार दो ताकि चुनाव से पहले यह किस्सा ही खत्म हो जाए। मेरा जीना इस शरीर के लिए बोझ बन गया है मेरी वजह से गरीब सताए जा रहे हैं। मुझे नहीं लड़ना यह चुनाव मुझे मार के खत्म कर दो। अगर यह इलेक्शन लोगों के ज़िल्लतों का नतीजा है और इस इलेक्शन को उस तरफ कर दिया जाए। इसे खत्म कर दिया जाए अगर यह इलेक्शन इंसान की जान की कीमत पर लड़ा जा रहा है तो इस इलेक्शन की कोई जरूरत नहीं है।