लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले मायावती को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट में मायावती की अर्जी और सुनवाई से इनकार कर दिया है. मायावती को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम कह सकते है कि चुनाव आयोग ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने आचार संहिता तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की. मायवती को कोर्ट ने कहा आप याचिका दाखिल करें फिर हम देखेंगे. बता दें मायावती ने सुप्रीम कोर्ट से आज अपनी रैली की इजाजत मांगी थी.
इसके इनकार के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के हेट स्पीच मामले में कार्रवाई पर संतोष जताया है. कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल कोई नए आदेश देने की जरूरत नहीं है. चुनाव आयोग के सीएम योगी आदित्यनाथ, मायावती, आजम खां, और मेनका गांधी के प्रचार पर बैन लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लगता है कि चुनाव आयोग हमारे आदेश के बाद जाग गया है और उसने कई नेताओं को चुनाव प्रचार से कुछ घंटों के लिए बैन लगाया है.
गौरतलब है कि विवादित बयान के मामले में चुनाव आयोग की ओर से 48 घंटे की रोकलगाए जाने के फैसले पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने नाराजगी जताई थी. मायावती ने कहा है कि चुनाव आयोग ने मेरे ऊपर जिस तरह से रोक लगाई है वह भारत के लोगों के मूलभूत अधिकार का हनन है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का फैसला भारत के लोकतंत्र में काला दिवस के रूप में जाना जाएगा. चुनाव आयोग ने मुझे चुप कराकर गरीबों की आवाज को चुप कराया है. भारत की जनता भी चुनाव आयोग के इस फैसले से खुश नहीं है.
मंगलवार को आगरा में होने वाली चुनावी सभा पर रोक से पहले बसपा सुप्रीमो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगा रहा है. चुनाव आयोग अगर हमारे ऊपर भड़काऊ भाषण का आरोप सही मानते हुए रोक लगा सकता है तो नरेंद्र मोदी पर क्यों नहीं?
मायावती ने चुनाव आयोग पर गलत और असंवैधानिक तरीके से रोक लगाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को भी पता है कि दूसरे चरण का चुनाव जिन लोकसभा सीटों पर होना है वहां पर हम मजबूत स्थिति में हैं. यही कारण है कि बीजेपी के इशारे पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है, जिससे मैं आगरा में चुनावी सभा न कर सकूं.