राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस की सोच अपने विरोध को सहन नहीं कर पाती है। गहलोत शुक्रवार को श्रीडूंगरगढ़ में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि मैं समझता हूं कि बीजेपी और आरएसएस के लोग अपने विरोध को सहन नहीं कर पाते।
गांधी ने कहा था कि लोकतंत्र में विपक्ष क्या कहता है उसका सम्मान होना चाहिए। अपना कोई विरोधी है तो उसकी बात का भी सम्मान होना चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे .. विरोध सहन कर ही नहीं सकते क्योंकि इनका लोकतंत्र में यकीन ही नहीं है। ये लोकतंत्र का मुखौटा पहन कर राजनीति में उतरे हुए लोग हैं। इनके पास जनता के लिए कोई नीतियां और कार्यक्रम नहीं है जो कांग्रेस का मुकाबला कर सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को खाली चुनाव में ही राम मंदिर याद आता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल तक लोकतंत्र को सहेज कर रखा और अगर भारत में लोकतंत्र नहीं होता तो आप (मोदी) कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में पंडित जवाहरलाल नेहरू 12 साल तक जेल में रहे।
इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश का उदय कर दिया और एक लाख सैनिकों से समर्पण करवाया। क्या इसके लिए मोदी को गर्व नहीं होना चाहिए? उन्होंने कहा कि मोदी ने चुनाव से पहले कालाधन वापस लाने, हर किसी के खाते में पंद्रह-पंद्रह लाख रुपए डालने और दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की घोषणा की थी जो सिर्फ चुनावी जुमला साबित हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं जो देश की तकदीर का फैसला करेंगे। गहलोत ने कहा कि मैं बड़ी गंभीरता से कह रहा हूं कि यदि मोदी अपनी पार्टी के साथ वापस चुनाव जीत कर आ गए तो आप यह बात दिमाग में रखें कि आगे चुनाव होने की कोई गारंटी नहीं होगी।