रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के दो महीने में ही एक दर्जन से ज्यादा बड़ी घटनाओं ने पुलिस की सतर्कता की पोल खोलकर रख दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के गृह जिले दुर्ग में गोलीबारी और लूट के मामले में किरकिरी के बाद अब सरकार ने सख्त कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी पुलिस अधीक्षकों के लिए चेतावनी जारी की है। बघेल ने कहा कि अपराध नियंत्रण में अगर पुलिस असफल रहती है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक की होगी। ऐसे पुलिस अधीक्षकों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
दरअसल, प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराध को लेकर विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। विधानसभा से लेकर सड़क पर विपक्ष सरकार पर अपराध को रोकने में असफल होने का आरोप लगा रही है।
पांच मार्च को भिलाई शहर से गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर दिन-दहाड़े बाइक से आए बदमाशों ने एक कंपनी के कलेक्शन एजेंट से मारपीट की। तीन राउंड फायर करते हुए उनके पास रखे नौ लाख रुपये लूट लिये। इससे पहले राजधानी में जनवरी में सराफा कारोबारी को गोली मार दी गई थी।
राजेंद्र नगर में कारोबारी से नौ लाख स्र्पये का जेवर लूट लिया गया था। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद 15 जिलों के एसपी को बदला गया है। राजधानी में दो महीने में दो एसपी बदले गये। पहले आइपीएस नीथू कमल को कमान सौंपी गई, फिर उनको हटाकर आरिफ शेख को लाया गया।