रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती कार्यकर्ताओं की नाराजगी और नेताओं की अंतरकलह दूर करने की है। पिछले दो लोकसभा चुनावों से 11 में दस-दस सीट जीतने वाली भाजपा का बूथ स्तर का कार्यकर्ता नाराज है। विधानसभा चुनाव में उपेक्षा के कारण कार्यकर्ताओं की नाराजगी ने पार्टी को सबसे बुरे प्रदर्शन स्तर पर पहुंचा दिया था। अब कार्यकर्ताओं की नाराजगी और अंतरकलह दूर करके भाजपा चुनावी नैया पार करने की तैयारी कर रही है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी की मानें तो पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करना है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल है। इससे निपटने के लिए कमल रंगोली और मेरा घर, भाजपा का घर अभियान चलाया गया है।
उसेंडी ने खुद संभाली कमान, एक हजार नेताओं को किया फोन
इसके साथ ही बड़े नेताओं के बीच मचे घमासान से निपटना भी सबसे बड़ी चुनौती है। प्रदेशभर में आला नेताओं के बीच वाकयुद्ध चल रहा है। इससे निपटने का मोर्चा खुद उसेंडी ने संभाल लिया है। प्रदेश के करीब एक हजार से ज्यादा नेताओं से उसेंडी ने फोन पर संपर्क किया है और उन्हें पार्टी के पक्ष में काम करने और उनकी समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया है।
भाजपा का कमजोर पक्ष
– नाराज कार्यकर्ता
– बड़े नेताओं में अंतरकलह
– पिछली सरकार की एंटी इनकंबेंसी
– एक ही उम्मीदवार को बार-बार चुनाव मैदान में उतारना
– केंद्र की उपलब्धियों को जनता तक नहीं पहुंचा पाना
भाजपा का मजबूत पक्ष
– बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की फौज
– सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का जोश
– मोदी के रूप में सशक्त नेतृत्व का दावा
– 35 लाख लोगों को मोदी सरकार की योजना का लाभ मिलना
– स्वच्छता, उज्जवला से लेकर पीएम आवास की सफलता