तिरुवनंतपुरम। के. राजशेखरन ने मिजोरम के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद इस अनुमान को बल मिला है कि केरल के वरिष्ठ भाजपा नेता तिरुवनंतपुरम सीट पर कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ लोकसभा चुनाव में उतरेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
भाजपा ने अभी तक प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि तिरुवनंतपुरम से राजशेखरन के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है। इसका कारण यह है कि इस सीट को पार्टी प्रमुख मानती है और उसे राज्य से लोकसभा में खाता खोलने की उम्मीद है। आरएसएस से गहरा लगाव रखने वाले 65 वर्षीय राजशेखरन भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख रह चुके हैं। उन्हें पिछले वर्ष 25 मई को मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया था।
उस समय चेनकान्नुर विधानसभा उपचुनाव आसन्न था। उसी समय से पार्टी कार्यकर्ता वरिष्ठ नेता को चुनावी राजनीति में वापस लाने की मांग कर रहे थे। यदि राजशेखरन को तिरुवनंतपुरम से प्रत्याशी बनाया जाता है तो उस स्थिति में यहां राज्य में सत्ताधारी वामपंथी लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ), विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और भाजपा के बीच त्रिकोणीय संघर्ष होगा।
कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ ने भी अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। लेकिन यहां से सांसद थरूर का तीसरी बार मैदान में उतरना तय माना जा रहा है। एलडीएफ ने भाकपा के विधायक सी दिवाकरन के नाम की घोषणा कर दी है। राजशेखरन के संभावित प्रत्याशी बनने के बारे में पूछने पर थरूर ने कहा कि भाजपा नेता भले आदमी हैं।
लेकिन प्रत्याशी कौन बनेगा यह पार्टी की विचारधारा का सवाल है। दिवाकरन ने कहा कि विरोध में कौन उतरता है उनके लिए इसका कोई अर्थ नहीं रखता। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लै ने कहा कि अभी वह राजशेखरन के मैदान में उतरने की पुष्टि नहीं कर सकते हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य विधानसभा में एकमात्र भाजपा विधायक ओ राजगोपाल ने थरूर को कड़ी टक्कर दी थी। उन्हें 2,83,226 मत मिले थे जबकि थरूर मात्र 15000 मतों से विजयी हुए थे। भाजपा को इस बार सबरीमाला मंदिर मुद्दे को लेकर काफी उम्मीद है।