रायपुर। महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मामले में छत्तीसगढ़ विधानसभा देश में नंबर वन है। एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में 14 फीसद महिला विधायक हैं। महिलाओं की विधानसभा में उपस्थिति के मामले में छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और ओडिशा से आगे हैं।
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 90 सीट में से 13 सीटें महिलाओं ने जीतीं। विधानसभा में अंबिका सिंहदेव, उत्तरी गणपत जांगड़े, रेणु जोगी, रश्मि सिंह, इंदू बंजारे, शकुंतला साहू, अनिता शर्मा, डॉ लक्ष्मी धु्रव, रंजना साहू, संगीता सिन्हा, अनिला भेडिया, ममता चंद्राकर और छन्नी साहू चुनकर पहुंची हैं।
महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मामले में दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल, तीसरे स्थान पर पुडुचेरी और चौथे स्थान पर राजस्थान है। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की विधानसभा में 9 फीसदी महिला विधायक हैं। छत्तीसगढ़ में सामान्य परिवार की पांच महिला विधायक चुनकर आई हैं।
इसमें कसडोल से शकुंतला साहू ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को हराया। वहीं पड़रिया से ममता चंद्राकर, खुज्जी से छन्नी साहू, सारंगढ़ से उत्तरी जांगड़े और पामगढ़ से इंदू बंजारे हैं। खास बात यह है कि चारों प्रमुख दलों कांग्रेस, भाजपा, जकांछ और बसपा में महिला विधायकों का प्रतिनिधित्व है। बसपा से इंदू बंजारे, जकांछ से डॉ रेणु जोगी और भाजपा से रंजना साहू ने जीत दर्ज की है।
विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ने वाली अंबिका सिंहदेव को बैकुंठपुर से जीत मिली। सिंहदेव कोरिया राजपरिवार से आती हैं और उन्होंने पूर्व मंत्री भइयालाल राजवाड़े को हराया। इसी तरह तखतपुर से रश्मि सिंह ने भाजपा की हर्षिता पांडेय को हराया। बालोद से संगीता सिन्हा भी पहली बार चुनाव लड़ा और जीतीं। पिछले चुनाव में हार का सामना करने वाली अनिता शर्मा ने इस बार धरसींवा से तीन बार के विधायक देवजी पटेल को पटखनी दी।