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बस्तर में नक्सलियों पर और सख्त प्रहार: ASP के बलिदान के बाद 7 IPS समेत 28 अफसर रण में

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रायपुर – बस्तर संभाग से मार्च 2026 तक लाल आतंक के खात्मे के लक्ष्य तय कर चुकी विष्णुदेव साय सरकार इस बार मानसून में भी नक्सल विरोधी अभियान नहीं रोकेगी। बारसात के दौरान भी बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा। इसके संकेत सरकार ने कोंटा एएसपी आकाश राव के बलिदान के तुरंत बाद नक्सल मोर्चे पर सात आईपीएस समेत 28 अफसरों को भेजकर सरकार ने दे दिया है। सीधे नक्सल ऑपरेशन की जिम्मेदारी के साथ बस्तर भेजे गए इन एएसपी और डीएसपी रैंक के अफसरों को 13 जून तक बस्तर आईजी के कार्यालय में उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।

हाई लेवल बैठक में बनी रणनीति

सोमवार को कोंटा में आईईडी ब्लास्ट में एएसपी के बलिदान होने की सूचना मिलने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाई लेवल बैठक की। इसमें मुख्य सचिव और गृह विभाग के अफसरों के साथ डीजीपी व नक्सल ऑपरेशन से जुड़े आला अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार बैठक में मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि एएसपी आकाश राव का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन और तेज करने का निर्देश दिया है। बेअसर रहा नक्सली बंद, निर्माण कार्यों में लगी मशीनें थाना परिसरों में खड़ी करवाई इन

IPS अफसरों को भेजा बस्तर

सरकार ने एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे की बलिदानी के दूसरे ही दिन सात आईपीएस अफसरों का बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में ट्रांसफर किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के इन युवा आईपीएस अफसरों को जिलों में नक्सल विरोधी अभियानों की कमान सौंपी गई है। बस्तर भेजे गए आईपीएस अफसरों में उदित पुष्कर- दंतेवाड़ा, रोहित कुमार शाह- सुकमा, रविन्द्र कुमार मीणा व अमन कुमार रमन कुमार झा-बीजापुर, आकाश श्रीश्रीमाल भानुप्रतापपुर, अजय कुमार व अक्षय प्रमोद साबद्रा- नारायणपुर भेजे गए हैं। वहीं आईपीएस आकाश कुमार शर्मा को एसटीएफ की जिम्मेदारी दी गई है।

कर्मचारियों की ‘कुंडली’ अब मोबाइल ऐप पर, ई-गवर्नेंस में क्रांति इन 21 DSP को भी उतारा गया मोर्चे पर बीजापुर- नरेश कुमार पटेल, चंन्द्रशेखर ध्रुव, विवेक शर्मा, लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल, प्रमोद कुमार किस्पोट्टा, चून्नू तिग्गा। सुकमा- हरविन्दर सिंह, यशकरण द्वीप धु्रव, गोपाल सिंह धुर्वे, विपीन रंगारी, इन्द्रभूषण सिंह। नारायणपुर- रमाकान्त साहू, एम्ब्रोस कुजूर, सुशील मलिक, कुंज बिहारी नागे। दंतेवाड़ा- बृजेश कुमार तिवारी, तूल सिंह पट्टावी, कमलेश्वर कुमार भगत, कांकेर- सुरेश कुमार भगत, ओम प्रकाश कुजुर, नोहर लाल मण्डावी। नक्सलियों के गढ़ में खुल रहे कैंप बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों का दबदबा तेजी से बढ़ रहा है। अबूझमाड़ जिसे नक्सलियों की अघोषित राजधानी कही जाती है, वहां भी फोर्स काफी अंदर तक घुस चुकी है। स्थिति यह है कि सुरक्षाबलों के कई कैंप कुख्यात नक्सलियों के गांव और उनके गढ़ में स्थापित कर दिए गए हैं। पिछले कुछ समय में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है, जिससे सुरक्षा नेटवर्क मजबूत हुआ है। डेढ़ साल में 427 नक्सली ढेर प्रदेश में विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार के अब तक के डेढ़ साल के कार्यकाल में 205 मुठभेड़ों में 427 नक्सली ढेर किए जा चुके हैं। इनमें नक्सलियों का शीर्ष लीडर बसव राजू भी शामिल है। इस दौरान 1,428 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

पखवाड़ेभर में मारे गए तीन बड़े लीडर

पुलिस ने पखवाड़ेभर के भीतर नक्सलियों को तीन बड़े झटके दिए हैं। 21 मई से 06 जून के बीच पुलिस ने नक्सलियों के तीन टॉप लीडरों को ढेर कर दिया। इनमें उनका शीर्ष नेता बसवराजू भी शामिल है। बसवराजू देश अलग-अलग राज्यों में सक्रिय नक्सलियों का टॉप लीडर था। इसके अलावा पुलिस ने नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी के सदस्य सुधाकर और तेलंगाना स्टेट कमेटी के सदस्य भास्कर को भी ढेर कर दिया।

चलाए जा रहे लंबे ऑपरेशन फोर्स नई रणनीति के तहत ऐसे क्षेत्रों में घुस रही है, जहां अब तक फोर्स नहीं पहुंची पाई है। ऐसे क्षेत्रों में फोर्स लंबा अभियान चला रही है। इसका उदाहरण तेलांगना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थिति कर्रेगुट्टा के पहाड़ पर चलाया गया अभियान शामिल है। करीब 16 दिन तक चले इस अभियान के दौरान फोर्स ने 31 नक्सलियों को मार गिराया। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है, जिसमें सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। इसी से नक्सली बौखला गए हैं। अब ज्यादा दूर नहीं, जब छत्तीसगढ़ से इनका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जाएगा।