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खूंखार नक्सली हिड़मा की मिल गयी नयी फोटो, 25 साल बाद अब ऐसा दिखता है मोस्ट वांटेड, अब अगला निशाना…

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बस्तर में लगातार चल रहे नक्सल ऑपरेशन के बीच नक्सली संगठन में सबसे ज्यादा चर्चित मोस्ट वांटेड माओवादी हिड़मा की तस्वीर सामने आई है।

सुकमा – बस्तर में लगातार चल रहे नक्सल ऑपरेशनों के बीच देश के सबसे खतरनाक और मोस्ट वांटेड नक्सली माड़वी हिड़मा की एक नई तस्वीर सामने आई है। यह वही हिड़मा है, जिसके नाम से सुरक्षा बलों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक भय का माहौल रहा है। एक करोड़ के इनामी और नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी का सदस्य हिड़मा अब तक खुफिया एजेंसियों के लिए एक पहेली बना हुआ था।

अब तक एजेंसियों के पास हिड़मा की जो तस्वीर थी, वह करीब 25 साल पुरानी थी। लेकिन अब जो नई तस्वीर सामने आई है, वह संभवतः 10 साल पुरानी मानी जा रही है। इस तस्वीर से अंदाजा लगाया जा रहा है कि हिड़मा की उम्र अब 50 से 55 वर्ष के बीच हो सकती है, जबकि तस्वीर में वह 40-45 साल का नजर आ रहा है। यह तस्वीर सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि इतने वर्षों में हिड़मा की पहचान को लेकर गहरी गोपनीयता बरती गई थी।

क्यों नहीं मिलती थी हिड़मा की तस्वीर?

हिड़मा नक्सली संगठन के उन चुनिंदा चेहरों में से है, जिसकी पहचान को लेकर संगठन बेहद सतर्क रहता है। उसके चारों ओर तीन से पांच लेयर का सुरक्षा घेरा होता है। माओवादी कैडर तक को उससे मिलने की इजाजत नहीं होती। वह न तो किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होता है, न ही माओवादी पोस्टर-बैनर में उसका चेहरा दिखता है। यही वजह रही कि अब तक उसकी कोई हालिया तस्वीर एजेंसियों के पास नहीं थी।

कौन है हिड़मा?

माड़वी हिड़मा को उसके अन्य नामों संतोष, इंदमुल, और पोडियाम भीमा के नाम से भी जाना जाता है। वह सुकमा जिले के पूवर्ती गांव का रहने वाला है, जो दुर्गम जंगलों और पहाड़ियों के बीच स्थित है। हिड़मा की नक्सली दुनिया में एंट्री 1990 में हुई और 13 साल की उम्र में वह संगठन की सेंट्रल कमेटी का हिस्सा बन गया।

हिड़मा ने बस्तर में कई बड़े नक्सली हमलों की साजिश रची

2010, ताड़मेटला हमला: CRPF के 76 जवान शहीद,2013, झीरम घाटी हमला: 31 लोग मारे गए, जिनमें कांग्रेस के कई शीर्ष नेता शामिल थे ,2017, बुरकापाल हमला: 25 जवान शहीद

बताया जाता है कि हिड़मा फिलिस्तीन में हमास से गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग भी ले चुका है। वह पढ़ाई में केवल दसवीं तक गया है लेकिन उसके पास रणनीति, गुप्त संचालन और युद्ध कौशल की अद्भुत समझ है। कहा जाता है कि वह हमेशा एक नोटबुक साथ रखता है जिसमें योजनाएं और नोट्स दर्ज होते हैं।

अब हिड़मा भी रडार पर

पिछले कुछ हफ्तों से सुरक्षाबलों ने बस्तर के जंगलों में नक्सल सफाया अभियान तेज कर दिया है। बसव राजू जैसे शीर्ष कमांडर के मारे जाने के बाद संगठन पहले ही हिला हुआ है। अब हिड़मा को लेकर नई पहचान सामने आना सुरक्षाबलों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।