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छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए नयी पुनर्वास नीति को मंजूरी दी

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रायपुर – छत्तीसगढ़ सरकार ने बुधवार को छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की, जिसके तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को वित्तीय सहायता, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को यहां मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई।

सरडेंर करने वालों को मिलेगी ये सुविधा

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल करते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 के स्थान पर छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। इनमें आर्थिक मदद, पुनर्वास की व्यवस्था, शिक्षा और रोजगार के अवसर शामिल हैं।

सीएम साय ने कही ये बात

साथ ही, उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। सरकार का मानना है कि यह कदम नक्सलवाद को कम करने में कारगर साबित होगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह नीति उस दिशा में एक बड़ा कदम है। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में यह भी तय किया गया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज में दोबारा बसाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी। उन्हें प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, जिससे वे हिंसा का रास्ता छोड़कर सम्मानजनक जीवन जी सकें। इसके अलावा, नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए भी राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी।

उन्होंने बताया कि यह नीति छत्तीसगढ़ में लंबे समय से चली आ रही नक्सल समस्या के समाधान के लिए एक नयी उम्मीद लेकर आई है। सरकार का दावा है कि इससे न केवल नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्य में शांति और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि साय मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू के माध्यम से जांच कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए राज्य जल सूचना केन्द्र का गठन करने का फैसला किया है।