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बेटे का शव देखकर मां ने भी दम तोड़ा – इटावा में गाड़ी ने युवक को रौंद दिया था; घर से एक साथ उठी दो अर्थी

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इटावा – सड़क हादसे में बेटे की मौत के बाद सदमे में मां ने भी दम तोड़ दिया। गुरुवार देर रात युवक घर आने के लिए टैक्सी का इंतजार कर रहा था। तभी तेज रफ्तार गाड़ी ने उसे रौंद दिया।

सूचना पर मां और बड़ा भाई अस्पताल पहुंचे। बेटे का शव देखकर मां ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया। कुछ घंटों के भीतर दो मौतों से पूरा परिवार सदमे में है।

शुक्रवार को घर से एक साथ मां-बेटे की अर्थी उठी तो मोहल्ले वाले गमगीन हो उठे। मोहल्ले की महिलाएं रो पड़ीं। लोग नम आंखों के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हुए। हादसा सिविल लाइंस क्षेत्र में मैनपुरी फाटक रेलवे ओवरब्रिज के पास हुआ।

विस्तार से पढ़िए…

1- घर में सबसे छोटा, मां का दुलारा था शिवम

चौगुर्जी मोहल्ले में सतीश कुमार श्रीवास्तव का मकान है। वे यूपी रोडवेज में सीनियर फोरमैन पद से रिटायर्ड हैं। परिवार में पत्नी वंदना श्रीवास्तव और दो बेटे शुभम-शिवम के साथ हंसी-खुशी रह रहे थे। दोनों बच्चे कमा भी रहे थे।

बड़े बेटे शुभम की स्मृति नाम की लड़की से शादी हो चुकी है। उनका एक बच्चा भी है। 32 साल का शिवम घर में छोटा था। वह ट्रैवेल एजेंसी चलाता था। गुरुवार देर रात 11 बजे आईटीआई की ओर से घर आ रहा था। वह सड़क किनारे खड़े होकर टैक्सी का इंतजार कर रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार बेकाबू वाहन शिवम को रौंदते हुए निकल गया।

2- पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती करवाया

घटना स्थल से गुजर रहे राहगीरों ने खून से लथपथ शिवम को देखा तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची सिविल लाइन थाना पुलिस ने घायल को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां डॉक्टरों ने शिवम को मृत घोषित कर दिया।

3- बेटे के शव को देखकर मां की हालत बिगड़

घटना की जानकारी पर बड़ा भाई शुभम और उसकी मां 59 साल की वंदना श्रीवास्तव देर रात जिला अस्पताल पहुंचे। मां वंदना ने जैसे ही बेटे शिवम की लाश देखी, उनकी हालत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने ऑक्सीजन सपोर्ट दिया। इंजेक्शन भी लगाए, लेकिन मां ने दम तोड़ दिया। यह घटना देख परिवार और रिश्तेदारों में कोहराम मच गया।

4- अनजान व्यक्ति ने फोन उठाकर दी हादसे की सूचना

बड़े भाई शुभम ने बताया, मेरा भाई काम के सिलसिले में कहीं गया हुआ था। मां लगातार उसको फोन कर रही थी, तो उसने बोला कि आधा घंटे में घर पहुंच रहे हैं। लेकिन, जब वह घर नहीं पहुंचा तो मां ने रात करीब 11 बजे कॉल किया, लेकिन उसका फोन नहीं उठा। जब उसको आखिरी कॉल किया तो किसी अनजान व्यक्ति ने फोन उठाया और बताया कि आपके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है। वह जिला अस्पताल में है। आप लोग वहां पहुंचे।

5- मां की हार्ट अटैक से गई जान

शुभम ने कहा, मां ने रोते हुए हादसे की जानकारी मुझे दी। फिर हम दोनों जिला अस्पताल पहुंचे थे। जहां देखा कि मेरे भाई को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था। इसी घटना को देखकर मां खुद को संभाल नहीं सकीं। उनकी तबीयत बिगड़ गई। आखिरकार मां की भी जान चली गई। घर में छोटा होने के कारण मेरी मां को उससे अधिक लगाव था। मां को हार्ट अटैक पड़ा था।