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छत्तीसगढ़ – विदेशी फंड का इस्तेमाल करने वाले एनजीओ की जांच शुरू

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रायपुर – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को राज्य में विदेशी फंड प्राप्त करने वाले एनजीओ की जांच करने के निर्देश दिए हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह की सहायता का उपयोग धर्मांतरण सहित अवैध गतिविधियों में नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि धर्मांतरण जैसी अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बृहस्पतिवार देर शाम रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर संवाददाताओं से साय ने कहा, “कई एनजीओ स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए विदेशों से सहायता (धन) प्राप्त करते हैं। लेकिन यह देखा गया है कि इस तरह के फंड का इस्तेमाल स्वास्थ्य और शिक्षा के बजाय धर्मांतरण पर अधिक किया जाता है।”

उन्होंने कहा, “मैंने (अधिकारियों से) कहा है कि इसकी जांच की जानी चाहिए जिससे इस तरह के फंड का इस्तेमाल उसके वास्तविक उद्देश्य के लिए हो।” बृहस्पतिवार रात जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में कार्यरत कुछ गैर-सरकारी संगठनों को हुई फंंिडग के दुरुपयोग को लेकर गंभीर ंिचता व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि इस विदेशी सहायता का उपयोग धर्मांतरण जैसी अवैध गतिविधियों में किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां हर व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार धर्म मानने की स्वतंत्रता है। ‘‘लेकिन जब अशिक्षा, गरीबी, चंगाई या लोक-परलोक के नाम पर लोगों को बहका कर या प्रलोभन देकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो यह न केवल अनैतिक है, बल्कि संविधान की मूल भावना के भी विरुद्ध है। ’’

बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर विदेशी धन प्राप्त करती हैं, लेकिन इसकी आड़ में स्थानीय लोगों को भ्रमित कर, लालच देकर, चंगाई के माध्यम से धर्मांतरण कराती हैं।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि एनजीओ को जिस उद्देश्य के लिए फंंिडग दी जा रही है, उसका सही उपयोग हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी एनजीओ स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर विदेशी फंंिडग लेकर किसी भी तरह की अवैध गतिविधि में लिप्त न हो। यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बयान में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए पहले से ही सख्त कानूनों को लागू कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जो भी संगठन, व्यक्ति या संस्था इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।

साय ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है और राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। लेकिन यदि कोई भी संस्था धर्मांतरण के माध्यम से समाज में अस्थिरता फैलाने का प्रयास करती है, तो सरकार उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर आवश्यक कदम उठाएगी, जिससे इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके।