निखिल और गीता दोशी की यह प्रेम कहानी उम्र और समाज के बंधनों को तोड़ती है. गीता की पहली शादी टूटन के बाद निखिल ने उन्हें सहारा दिया और फिर दोनों ने शादी कर ली. दोनों की उम्र में 20 साल का अंतर है, लेकिन आज के जमाने में यह प्रेम कहानी सबके लिए मिसाल है.
प्यार ना उम्र देखता है, ना समाज के बनाए बंधन. 40 साल के निखिल दोशी और 60 वर्षीय गीता दोशी की प्रेम कहानी इसका जीती-जागती मिसाल है. जहां आजकल प्रेम संबंधों में ‘कैजुअल डेटिंग’ और बाहरी सुंदरता का बोलबाला है, वहीं निखिल और गीता का रिश्ता एक ‘ऑर्गेनिक लव स्टोरी’ है, जो गहरे भावनात्मक जुड़ाव और समर्पण का प्रतीक है. इन प्रेम कहानी से सबको हैरान कर दिया है.
गीता ने 22 साल तक एक असफल विवाह का दर्द झेला. कनाडा में रहने के दौरान जब उनके पति ने उन्हें अचानक त्याग दिया, तो वह टूट गईं. हाल ही में Brut India को दिए इंटरव्यू में गीता ने याद किया, ‘एक दिवाली पर मेरे पति घर छोड़कर चले गए… मैंने पुलिस को फोन किया, तो आधे घंटे बाद उन्होंने बताया कि वह सुरक्षित हैं, पर घर लौटने से इनकार कर रहे हैं… जब वे वापस आए, तो मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और ठान लिया कि अब कुछ भी हो, यह हाथ नहीं छोड़ूंगी.’ हालांकि, 6 महीने बाद उनके पति ने फिर उन्हें अकेला छोड़ दिया. फिर 2015 में उनका तलाक हो गया.
पहले पति ने छोड़ा ने निखिल बना सहारा
फिर 2016 में गीता की मुलाकात निखिल से हुई, जो उनसे 20 साल छोटे थे. निखिल और गीता के बीच लंबी बातचीत और भावनात्मक सहारे ने गहरी दोस्ती को मजबूत रिश्ते में बदल दिया. 2016 में तलाक के बाद गीता को अपने पूर्व पति की शादी की खबर ने झकझोर दिया. इस दौरान निखिल ने उन्हें भावनात्मक सहारा दिया. तीन साल तक गीता के दर्द को समझने के बाद एक दिन निखिल ने अपने दिल की बात कह दी.
ब्रूट से बातचीत में निखिल ने कहा, ‘मैं 3 साल तक उसकी पिछली बातें सुनता रहा… एक दिन मेरे मुंह से निकल गया, ‘गीता, ये सब छोड़, मुझसे शादी करेगी कि नहीं?’
परिवार का विरोध
दोनों के उम्र में 20 साल के अंतर की वजह से निखिल के परिवार ने रिश्ते को स्वीकारने से इनकार कर दिया. उनकी मां को गहरा सदमा पहुंचा, जबकि भाई ने साफ मना कर दिया. उनका कहना था कि वह तुम्हारी मां की उम्र की है.
वहीं गीता को भी शंका थी कि क्या इतना बड़ा उम्र का फासला रिश्ते को निभा पाएगा? लेकिन निखिल शादी करने के फैसले पर अडिग रहा. धीरे-धीरे दोनों परिवारों ने उनके जज्बे के आगे घुटने टेक दिए. दिसंबर 2020 में दोनों ने विवाह रचाया. आज निखिल की मां गीता को ‘मेरी प्यारी बहू’ कहते हुए गर्व से परिचय कराती हैं.
शादी को 4 साल पूरे होने पर गीता कहती हैं, ‘मैंने सोचा था, चाहे 2 साल, 4 साल या 5 साल… जितना भी समय मिले, उसे खुलकर जीएंगे. लेकिन ये चार साल हमारे जीवन के सबसे सुखद पल रहे.’
निखिल और गीता आज उन सभी के लिए प्रेरणा हैं, जो मानते हैं कि सच्चा प्यार कभी ‘एक्सपायर’ नहीं होता. गीता का कहना है, ‘मजबूत रिश्ते में उम्र महज एक नंबर है.’ निखिल और गीता की कहानी साबित करती है कि प्रेम की कोई उम्र नहीं होती… बस दिलों का मेल जरूरी होता है.