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पीएससी की परीक्षा कंट्रोलर समेत 2 की गिरफ्तारी की हरी झंडी, राजभवन से अनुमोदन पश्चात GAD ने CBI को भेजा लेटर

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रायपुर – छत्तीसगढ़ के पीएससी स्कैम में सीबीआई जल्द ही दो बड़ी गिरफ्तारियां करेगी। सरकार ने पीएससी की परीक्षा नियंत्रक और उप परीक्षा नियंत्रक को गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी है।

बता दें, पिछले महीने सीबीआई एक्शन में आते हुए पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक की गिरफ्तारी की खबरें वायरल हुई थी। मगर बाद में पता चला कि आरती वासनिक गिरफ्तार नहीं हुई है। सीबीआई ने पूछताछ के लिए राजनांदगांव से लेकर रायपुर आई थी मगर बाद में छोड़ दिया था।

दरअसल, पीएससी की पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर हैं। वहीं उप परीक्षा नियंत्रक पीएससी का अफसर है। दोनों सरकारी मुलाजिम हैं, इसलिए सीबीआई बिना सरकार की अनुमति मिले गिरफ्तार नहीं कर सकती।

मनी लॉड्रिंग के केस में पवर्तन निदेशालय याने ईडी को सरकार से बिना इजाजत लिए सरकारी कर्मचारी या अधिकारी को गिरफ्तार करने का अधिकार है। मगर सीबीआई को नहीं। इसलिए, सीबीआई ने आरती वासनिक और गणवीर की गिरफ्तारी के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी।

हालांकि, अनुमति की प्रक्रिया में खासा विलंब हो गया। गृह और जीएडी से होते हुए फाइल राजभवन गई। राज्यपाल चूंकि बाहर थे, इसलिए उनके लौटने के बाद दोनों की गिरफ्तारी को उन्होंने अनुमोदन दे दिया।

सीबीआई अब किसी भी समय आरती वासनिक और गणवीर को गिरफ्तार कर सकती है। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में पीएससी के पर्चा आउट करने में दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण बताया है। पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के साथ मिलकर आरती वासनिक और गणवीर ने पीएससी का पेपर टामन सिंह सोनवानी के परिजनों को मुहैया कराया। और दीगर लोगों को मोटा पैसा लेकर बेच दिया।

2021 में हुई परीक्षा का जब 2023 में रिजल्ट आया तो सोनवानी के रिश्तदारों के साथ कई नेताओं और अफसरों के बेटे-बेटियां भी डिप्टी कलेक्टर सलेक्ट हो गए थे। इसके बाद मामला तूल पकड़ा। बीजेपी के पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में पीआईएल लगाई। चीफ जस्टिस ने इस पर तगड़ा स्टैंड लेते हुए न केवल तीखी टिप्पणियां की बल्कि डिप्टी कलेक्टरों की ज्वाईनिंग रोकने का आदेश दे दिया।

दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में सरकार बदली। बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पीएससी घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया। और अभी तक पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, उद्योगपति श्रवण गोयल समेत कई डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी गिरफ्तार हो चुके हैं।