मुंबई – बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हमले मामले में छत्तीसगढ़ की रेलवे पुलिस फोर्स जिस संदिग्ध व्यक्ति को दुर्ग रेलवे स्टेशन से हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी, उसे अब छोड़ दिया गया है। 18 जनवरी की शाम से रातभर तमाशे के बाद हमले के संदेही को मुंबई पुलिस दुर्ग रेलवे स्टेशन में छोड़कर खाली हाथ वापस मुंबई लौट गई। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर जिस फोटो के आधार पर मुंबई पुलिस ने संदिग्ध की पहचान कर पुष्टि की थी, उसे छोड़ क्यों दिया? असली संदिग्ध आरोपी गया कहां?
मुंबई पुलिस अपने इंटेलिजेंस के दम पर दुर्ग आरपीएफ को फोटो भेजकर संदिग्ध के शालीमार-ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस में होने की सूचना दी थी। उसे मुंबई से दुर्ग होते हुए बिलासपुर जाने की जानकारी दी थी। इस आधार पर ही दुर्ग आरपीएफ ने संदिग्ध व्यक्ति आकाश कैलाश कनौजिया को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। यहां तक की आरपीएफ ने संदिग्ध की फोटो वाट्सएप से दोबारा मुंबई पुलिस को भेजकर शिनाख्ती भी करवाई। इस पर मुंबई पुलिस ने संदिग्ध की फोटो सही होने की जानकारी दी। रात 8 बजे रायपुर एयरपोर्ट माना में आने की बात भी कही। इसके बाद संदिग्ध को आरपीएफ चौकी में बैठाकर रखा गया था।
‘तस्वीर की पहचान के बाद ही आरोपी को हिरासत में लिया’
इस संबंध में दुर्ग आरपीएफ प्रभारी संजीव सिन्हा ने मीडिया के सामने चर्चा में कहा था कि मुंबई पुलिस की ओर से भेजे गये तस्वीर की पहचान के बाद ही आरोपी को हिरासत में लिया गया है। इस संबंध में बाकी की जांच-पड़ताल करने के लिये मुंबई पुलिस रायपुर एयरपोर्ट आयेगी, फिर वहां से दुर्ग जायेगी। मुंबई पुलिस ही मामले की छानबीन करेगी। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। हमें केवल हिरासत में लेने के लिये कहा गया था।
मैंने कुछ भी गलत नहीं किया: आकाश कनौजिया
वहीं मीडिया से चर्चा में आकाश कनौजिया ने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मुझे पूछताछ के लिए यहां लाया गया था और अब मुझे रिहा कर दिया गया है। मैं आरोपी नहीं हूं। वो हमलावर मेरे जैसा दिख रहा था, इसलिये मुझे ही पकड़ लिया गया पर वो मैं नहीं हूं।