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आरजी कर हॉस्पिटल कोलकाता कांड – पूर्व प्रिंसिपल के आवास समेत 15 ठिकानों पर CBI रेड, मुख्य आरोपी संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू

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कोलकाता – ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामले में रविवार (25 अगस्त) को सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के आवास, आरजी कर हॉस्पिटल समेत 15 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी आरजी कर हॉस्पिटल में हो रही वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की जा रही है। सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच ने शनिवार को संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज किया था। डॉक्टर हत्याकांड में भी उनसे करीब 90 घंटे की पूछताछ की जा चुकी है।

आज मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट
सीबीआई की एक टीम डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट करने के लिए प्रेसिडेंसी जेल पहुंची है। पुलिस रिमांड खत्म होने पर कोर्ट ने शनिवार को संजय को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इससे पहले शनिवार को पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और डॉक्टर के 4 साथियों का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था।

संजय रॉय को सीसीटीवी फुटेज दिखाए जाने के बाद उसने गुनाह कबूल कर लिया है। आरोपी रात 1.03 बजे अस्पताल के अंदर जाते सीसीटीवी में कैद हुआ। जांच एजेंसी का दावा है कि इसी रात संजय ने कोलकाता स्थित दो कोठे पर भी गया था और उसने शराब पी रखी थी। इसके बाद आरोपी आधी रात को अस्पताल पहुंचा और उसे सेमिनार हॉल में घुसते और निकलते हुए देखा गया।

डॉ. देबाशीष सोम के आवास पर भी छापेमारी
सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी डिपार्टमेंट के डेमोंस्ट्रेटर डॉ. देबाशीष सोम के आवास पर भी छापा मारा है। यह कार्रवाई अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट अख्तर अली द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद की गई, जिसमें उन्होंने मेडिकल कॉलेज में हो रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाया था, उनकी शिकायत में डॉ. सोम का नाम भी शामिल है।

कोलकाता में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी
इस बीच, अस्पतालों में सुरक्षा की मांग को लेकर कोलकाता में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी है, हालांकि पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को सामान्य करने के लिए अलग-अलग स्तर पर बातचीत की है।

संदीप घोष ने 9 अगस्त को मेडिकल कॉलेज स्थित इमरजेंसी बिल्डिंग के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर (31 साल) का शव मिलने के 2 दिन बाद पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन इसके तुरंत बाद उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का प्रिंसिपल बना दिया गया था। संदीप घोष की इसी नियुक्ति पर विवाद बढ़ता चला गया। सरकार के इस फैसले के खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए और कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी इस पर सख्त टिप्पणी की थी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें “लंबी छुट्टी” पर भेजने का आदेश दिया।