कांग्रेस कार्यकर्ता बलौदाबाजार हिंसा और कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दे को लेकर विधानसभा का घेराव करने के लिए निकल चुके हैं। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया
रायपुर – कांग्रेसी विधानसभा का घेराव करने निकल गए है। इस दौरान कांग्रेसियों ने बैरिकेड तोड़ दिया है और आगे बढ़ रहे हैं। कानून व्यवस्था, बलौदाबाजार हिंसा समेत कई मुद्दों को लेकर कांग्रेसी प्रदर्शन कर रहे हैं। विधानसभा मार्ग को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। आने-जाने वाले रास्ते पर पुलिस ने 5 लेयर की बैरिकेडिंग की है। विपक्ष में आने के बाद कांग्रेस पार्टी का ये सबसे बड़ा प्रदर्शन कहा जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो बलौदाबाजार में सफेद कपड़ा पहने थे, उसको माता-पिता के सामने मारा जाता था। गिरोधपुरी में घटना घटी थी। 17 तारीख को सीबीआई की जांच कराने की मांग की गई। अगर जांच होती तो घटना नहीं होती। आज तक कभी ऐसी घटना नहीं घटी है, पहली बार यह घटना घटी है। भाजपा के लोग मंच पर थे, पुलिस के लोग क्यों पूछताछ नहीं कर रहे हैं। यहां के व्यापारी लोग काम नहीं कर पा रहे हैं। नशाबाजी बढ़ गई है, नशेड़ी लोग पीट-पीट कर आदिवासी युवक को मार रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मंत्रियों के संरक्षण में यह हो रहा है। पूर्व विधायक हैं, बच्चे हैं. किसी को कानून की कोई चिंता नहीं है। जैतखांभ काट दी गई, लेकिन आज तक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है. महिला, आदिवासी, उद्योगपति, व्यापारी लोग डरे हुए हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने कहा- पत्रकार ने मुझसे पूछा कि अभी तो भाजपा सरकार को सिर्फ 6 माह हुआ हैं, फिर विधानसभा घेराव की जरूरत क्यों पड़ी। मैंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता के लिए जीती है, मरती है। जब प्रदेश की सरकार नींद में है, तो उसे जगाने के लिए उसकी नींद तोड़ने के लिए ऐसा करना पड़ा।
ये सरकार घमंड में है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमें करती है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए, आम जन को परेशान करती है। बलौदाबाजार के लोगों से पूछो, हिंसा फैलाने कौन लोग आए थे। सूचना तंत्र सो रहा था। ये सरकार रायपुर से नहीं दिल्ली से चलती है। हम हिंसा में विश्वास नहीं करते, जो हिंसा करे उसकी निंदा करती है। लेकिन हम लोगों, किसानों की आवाज उठाते आए हैं।