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कांग्रेस के सवाल पर बीजेपी ने कहा पिछले शासनकाल के आईने में अपने नाकारापन की सच्चाई देखें

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रायपुर – छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस इन दिनों लगातार राज्य सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है। राज्य के कानून व्यवस्था को कांग्रेस के उठाए सवाल पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने पलटवार किया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस आज किस मुंह से कानून-व्यवस्था के नाम पर विधवा-प्रलाप कर रही है? जातीय विद्वेष फैलाने के षड्यंत्र में जांच की आंच और नक्सली-उन्मूलन की कार्रवाई से बेचैन कांग्रेस कानून-व्यवस्था का प्रलाप मचाकर साजिशाना और झूठा नैरेटिव चला रही। प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने विधानसभा घेराव के कांग्रेस के ऐलान को कोरी सियासी ड्रामेबाजी बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछले शासनकाल के आईने में अपने नाकारापन की सच्चाई देखे।

उन्होंने छत्तीसगढ़ की कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेस द्वारा विधानसभा के घेराव के ऐलान को कोरी सियासी ड्रामेबाजी बताते हुए कहा है कि प्रदेश में अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार सतत ठोस कदम उठा रही है और मुद्दाविहीन हो चली कांग्रेस इसमें ओछी राजनीति कर रही है। गुप्ता ने कहा कि दरअसल कांग्रेस नेताओं को अपने पिछले शासनकाल के आईने में अपने नाकारापन की सच्चाई देखना चाहिए, जब पूरा प्रदेश अपराधगढ़ बन गया था। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि आज भाजपा सरकार न केवल अपराधों की रोकथाम के लिए सतत प्रयत्नशील है, लेकिन प्रदेश को नक्सलियों के आतंक से मुक्त करने की दिशा में तेजी और सख्ती से पहल कर रही है।

गुप्ता ने कहा कि बीजापुर का कांग्रेसी नेता तेलंगाना में हार्डकोर नक्सली के साथ पकड़ा गया था और यहां भूपेश सरकार के मंत्री उसके अपहरण की कहानी सुना रहे थे! कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में एक साल में दस भाजपा पदाधिकारियों की टारगेट किलिंग भूपेश बघेल सहित चार तत्कालीन मंत्री अपने जिले को नहीं संभाल पा रहे थे। कांग्रेस के शासनकाल में न केवल माफिया राज, गुंडागर्दी बढ़ी, बल्कि प्रदेश के नागरिकों का आत्म-सम्मान के साथ सुरक्षित जीना तक दूभर हो गया था। हर तरह के अपराधों की तो बाढ़ आ गई थी।

उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस के राज में छतीसगढ़ का कवर्धा साम्प्रदायिक दंगे की आग में झुलस गया, जिस कांग्रेस के राज में जबरिया धर्मांतरण के चलते आदिवासियों में वर्ग-संघर्ष के खतरनाक हालात पैदा हो गए थे, जिस कांग्रेस के राज में लव जिहाद के नाम पर बिरनपुर में मस्जिद के अंदर भुनेश्वर साहू की मॉब लिंचिंग कर दर्दनाक हत्या की गई, जिस कांग्रेस के राज में ‘हिन्दुस्तान जिंदाबाद’ कहने पर भिलाई में एक सिख युवक की सरेआम हत्या करके उसके शव के साथ तक बदसलूकी की गई, जिस कांग्रेस के राज में रक्षाबंधन के दिन दो बहनों के साथ दरिंदगी हुई और उसके आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण देने के लिए कांग्रेस के लोग हाथ-पैर मारते देखे गए, जिस कांग्रेस के राज में शिक्षक दिवस के दिन एक आदिवासी शिक्षिका सामूहिक यौन दुष्कर्म की शिकार हुई, जिसमें एक आरोपी कांग्रेस का नेता था, जिस कांग्रेस के राज में महिला दिवस के दिन राजधानी में महिलाओं पर अत्याचार की पराकाष्ठा की गई, वह कांग्रेस आज किस मुँह से कानून-व्यवस्था के नाम पर विधवा-प्रलाप कर रही है? गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में तो पुलिस इंस्पैक्टर बालिका छात्रावास में घुसकर मारपीट और गाली-गलौज करते थे। कई संगीन अपराधों में कांग्रेस नेता या उनके परिजनों की संलिप्तता को प्रदेश भूला नहीं है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि सत्ता के नशे में कांग्रेसी इतने चूर हो गए थे कि कानून हाथ में लेने में भी उन्हें कोई संकोच नहीं रह गया था। कांग्रेस सरकार के समय ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे ने एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। तत्कालीन कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह एक बैंक कर्मचारी को थप्पड़ मारते एक वायरल वीडियो में दिखाई दिए। रेत माफियाओं ने भाजपा पदाधिकारी के पैर पर गंभीर वार कर तोड़ दिए थे। राजधानी रायपुर में तो सरेराह खून से लथपथ एक नाबालिग युवती के बाल खींचते हुए हाथ में कटार लिए अधेड़ घूमता रहा। गुप्ता ने कहा कि हालात इतने बदतर हो चले थे कि भूपेश सरकार को रासुका लगाने जैसा पाखंड करना पड़ा? रासुका लगाकर कांग्रेस सरकार खुद भी यह मान चुकी थी कि प्रदेश की कानून-व्यस्था उसके नियंत्रण से बाहर चली गई है और लॉ एंड आर्डर मेंटेन रखने के अपने मूल दायित्व को निभाने में सरकार विफल हुई थी। दरअसल, बलौदाबाजार में जातीय विद्वेष फैलाने के षड्यंत्र में अपनी भूमिका पर उठती जाँच की आँच से बेचैन कांग्रेसी कानून-व्यवस्था के नाम पर मगरमच्छ के आँसू बहाकर प्रदेश को भरमाने में लगे हैं।