बलौदाबाजार में हुई हिंसा को लेकर चरम पर सियासत, भूपेश बघेल समेत कई दिग्गज पहुंचे घटनास्थल
बलौदाबाजार हिंसा पर सियासत चरम पर है। कांग्रेस की जांच दल के जाने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित विधायक घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत कलेक्ट्रेट परिसर में हुई आगजनी का जायजा ले रहे हैं।
बलौदाबाजार – विगत 10 जून को जिला मुख्यालयबलौदाबाजार के कलेक्ट्रोरेट में हुई आगजनी, हिंसा,तोड़फोड़ कांड के बाद जंहा अपराधियों की धर पकड़ निरन्तर जारी है वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर मंगलवार देर रात बलौदाबाजार के तत्कालीन कलेक्टर एस पी हटाए गए थे ।अब खबर निकलकर सामने आ रहा है कि गुरुवार देर रात तत्कालीन कलेक्टर के एल चौहान, एस पी सदानंद कुमार को आगजनी तोड़फोड़ एवं हिंसा कांड के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कड़ा तेवर का परिचय देते हुए निलंबन का गाज गिराया है।आने वाले समय में कलेक्टर एस पी पर और क्या क्या कार्रवाई देखने को मिलेगा दिलचस्प रहेगा।फिलहाल हमारी खबरों पर बने रहिए।
बृहस्पतिवार देर रात निलंबन आदेश जारी किया.
निलंबन आदेश में कहा गया है कि तत्कालीन कलेक्टर केएल चौहान और तत्कालीन एसपी सदानंद कुमार ने जिले में सतनामी समुदाय के ‘जैतखाम’ में तोड़फोड़ की घटना में उचित कार्रवाई नहीं की. इस वर्ष 15 और 16 मई की मध्य रात्रि को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में वित्र अमर गुफा के पास अज्ञात व्यक्तियों ने सतनामी समाज द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक ‘जैतखाम’ या ‘विजय स्तंभ’ को क्षतिग्रस्त कर दिया था. पुलिस ने बाद में इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.
धार्मिक ढांचे की कथित तोड़फोड़ के विरोध में समुदाय ने 10 जून को दशहरा मैदान बलौदाबाजार में प्रदर्शन और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया था. विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी और पथराव होने पर जिला प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी थी, जिसके तहत 16 जून तक बलौदाबाजार शहर में चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई. विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने बलौदाबाजार शहर में एक सरकारी कार्यालय और दो पहिया तथा चार पहिया वाहनों सहित 150 से अधिक वाहनों में आग लगा दी थी.
अगले दिन (11 जून को) राज्य सरकार ने बलौदाबाजार के कलेक्टर केएल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को बिना कोई विभाग दिए यहां सचिवालय और पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया था. दोनों अधिकारियों के निलंबन आदेश में कहा गया है कि पिछले महीने बलौदाबाजार-भाटापारा में सतनामी समुदाय के धार्मिक ढांचे में तोड़फोड़ की घटना में जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई नहीं किए जाने की शिकायत मिलने के बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित है.
आदेश के अनुसार तत्कालीन बलौदाबाजार-भाटापारा कलेक्टर केएल चौहान (राज्य कैडर सेवा के अधिकारी जो 2009 बैच में आईएएस बने थे) और तत्कालीन एसपी सदानंद कुमार (2010 बैच के आईपीएस अधिकारी) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि आगजनी की घटना के संबंध में सात प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और आगजनी में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस की 12 टीम गठित की गई हैं.
राज्य के खाद्य मंत्री दयालदास बघेल और राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस नेताओं पर विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया था. बघेल ने कहा था, ह्लशांति और भाईचारे का संदेश देने वाले सतनामी समुदाय द्वारा ऐसा अपराध कभी नहीं किया जा सकता. इस पूरी घटना के पीछे एक राजनीतिक साजिश है. यह घटना कांग्रेस की सुनियोजित साजिश का नतीजा है.ह्व मंत्री ने बताया था कि आगजनी करने वाले दो सौ से अधिक लोगों को घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.
पलटवार करते हुए कांग्रेस ने दावा किया था कि मंत्री ने अपनी सरकार की विफलता और अक्षमता को छिपाने के लिए विपक्षी पार्टी के पुराने नेताओं पर निराधार आरोप लगाए हैं. इस बीच, राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को घटना की जांच के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीबी बाजपेयी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग नियुक्त किया.
आदेश के मुताबिक. आयोग तीन महीने के भीतर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी. राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोगों की है तथा यह समाज यहां के प्रभावशाली समाजों में से एक है.
बलौदाबाजार हिंसा मामले की जांच के लिए सरकार ने किया आयोग का गठन, इन 6 बिंदुओं पर करेगा जांच
जैतखाम क्षतिग्रस्त होने के मामले की जांच के लिए सरकार ने एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है. सेवानृवित्त न्यायाधीश सीबी बाजपेयी की अध्यक्षता में गठित यह जांच आयोग छह बिंदुओं पर इस मामले की जांच करेगा.
15 व 16 मई 2024 की मध्यरात्रि को जिला बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम महकोनी, अमरगुफा में स्थित जैतखाम को क्षत्रिग्रस्त किए जाने संबंधी घटना कैसे घटित हुई।
वह कौन सी परिस्थितियाँ थी अथवा कौन से कारण थे, जिनके फलस्वरूप घटना घटित हुई।
उक्त घटना हेतु कौन-कौन व्यक्ति जिम्मेदार हैं।
घटना के पूर्व, घटना के दौरान एवं घटना के उपरांत ऐसे अन्य मुद्दे, जो घटना से संबंधित हो ।
भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इस हेतु सुरक्षा एवं प्रशासकीय कदम उठाये जाने के संबंध में सुझाव एवं उपाय ।
अन्य ऐसे महत्वपूर्ण बिन्दु जो जॉच आयोग शासन के संज्ञान में लाना चाहे।